
आलू की तीन नई किस्में।
– फोटो : अमर उजाला
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केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला की ओर से विकसित आलू की तीन नई किस्मों का रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में लोकार्पण किया।
कुफरी चिपसोना-5, कुफरी भास्कर और कुफरी जामुनिया पर सीपीआरआई के वैज्ञानिक साल 2013 से काम कर रहे थे। सीपीआरआई की कुफरी चिपसोना सीरीज की चिपसोना-5 का लोकार्पण हुआ है। प्रोसेसिंग सेक्टर की मांग को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है।
सीपीआरआई ने इससे पहले चिपसोना-01, 02, 03 और 04 किस्में रिलीज की हैं। यह किस्में तैयार होने में 100 से 110 दिन लेती हैं जबकि चिपसोना-5 के तैयार होने की अवधि अधिकतम 90 दिन है। कुफरी-सूर्या और कुफरी-किरण सीरीज के बाद सीपीआरआई ने देश के गर्म इलाकों के लिए कुफरी भास्कर किस्म तैयार की है। सामान्य से 2 से 3 डिग्री अधिक तापमान में भी यह किस्म तैयार हो सकती है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, आध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि गर्म इलाकों के लिए यह बेहद उपयोगी साबित होगी। कुफरी नीलकंठ के बाद सीपीआरआई ने कुफरी जामुनिया किस्म तैयार की है।
यह किस्म पोषक तत्वों के अलावा एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और इसमें कैंसर से लड़ने वाला कैरोटिन एंथोसाइनिन तत्व भी मौजूद है। कुफरी नीलकंठ की जहां बाहरी त्वचा बैंगनी थी वहीं कुफरी जामुनिया का गुदा भी बैंगनी है। सीपीआरआई के सामाजिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि इन तीन नई किस्मों को लेकर किसानों के बीच प्रचार-प्रसार के लिए मेरठ के मोदीपुरम स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में
रविवार को किसान गोष्ठी भी करवाई गई। इस दौरान डॉ. एसके लूथरा, डॉ. विजय किशोर गुप्ता ने इन किस्मों के गुणों की जानकारी दी। केंद्र के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने भी किसानों का मार्गदर्शन किया।
सीपीआरआई की ओर से विकसित की गई आलू की तीन नई किस्मों कुफरी चिपसोना-5, कुफरी भास्कर और कुफरी जामुनिया का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोकर्पण किया। सीपीआरआई साल 2012-13 से इन किस्मों पर काम कर रहा था। यह किस्में प्रोसेसिंग, गर्मी प्रतिरोधी और पोषक तत्वों से भरपूर है। – डाॅ. ब्रजेश सिंह निदेशक, सीपीआरआई, शिमला

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