Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
GT vs MI Live Score: दोनों टीमों की नजरें पहली जीत पर, थोड़ी देर में होगा टॉस शाहरुख खान की वो हीरोइन, जिसने पूरे करियर में की सिर्फ एक फिल्म, 50000 करोड़ के मालिक से रचाई है शादी हो गया कमाल, ChatGPT से अब फ्री में बना सकते हैं Studio Ghibli Style AI इमेज, यह है प्रॉसेस टैनिंग और सनबर्न से छुटकारा पाने के लिए चावल के आटे में मिलाएं ये एक चीज़ और लगाएं चेहरे पर, मिलेगा इंस्टेंट निखार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर एकदम से बदले, बोले- मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त, ट्रेड डील को लेकर दिए ये संकेत First tranche of US-India trade deal to be finalised before end of year: Centre | India News गर्मी से छुटकारा पाने के लिए AC ही नहीं है जरूरी! इन नेचुरल तरीकों से घर को बनाए ठंडा बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 में इन छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम Two Constables Find Guilty Who Helped Serial Killer And His Accomplice Escape From Police Custody In Lucknow - Amar Ujala Hindi News Live आईआरसीटीसी मामला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने की रिहाई की मांग, वरिष्ठ अधिवक्ता ने दी यह दलील

Police Files:थानेदार ने पूछा- हुजूर, लाश और तलवार पड़ी है…तलवार को बेचकर अंतिम संस्कार कर दूं? मिला ये जवाब – Police Files Thanedar Of Chandni Chowk Had Written A Letter To Kotwal Regarding Dead Body Of Soldier


Police Files Thanedar of Chandni Chowk had written a letter to Kotwal regarding dead body of soldier

130 दिन तक आजाद रही आजाद दिल्ली की पुलिस
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

वह गदर का दौर था। बात 3 सितंबर, 1857 की है। चांदनी चौक के थानेदार नाजिर अली ने चिट्ठी लिखकर कोतवाल से पूछा था कि इलाके में एक सैनिक की लाश पड़ी हुई है, साथ में उसकी तलवार है। क्या मैं उसकी तलवार बेचकर जो पैसे आएंगे उनसे सैनिक का अंतिम संस्कार कर दूं? सैनिक 1857 के विद्रोह में भाग लेने दिल्ली आया था। उसके परिजनों का पता नहीं लगा है।

सकारात्मक जवाब मिलने पर तलवार बेचकर 2.10 रुपये 10 पैसे जुटाए गए और उन पैसों से सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया। यह प्रसंग राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखी एक चिट्ठी में दर्ज है। उस दौर की करीब 20 हजार चिट्ठियां यहां रखी हैं। इनमें से कुछ का अनुवाद करके दिल्ली पुलिस की ओर से कराया गया है। इन चिट्ठियों को विद्रोह पत्र (म्युटिनी पेपर्स) नाम दिया गया है। अमर उजाला इन चिट्ठियों तक पहुंचा तो उस दौर की पुलिस की कार्य प्रणाली और इतिहास के पन्नों मे दर्ज कई रोचक किस्से सालों का धूल झाड़ कर जीवंत हो उठे।



Source link

1012440cookie-checkPolice Files:थानेदार ने पूछा- हुजूर, लाश और तलवार पड़ी है…तलवार को बेचकर अंतिम संस्कार कर दूं? मिला ये जवाब – Police Files Thanedar Of Chandni Chowk Had Written A Letter To Kotwal Regarding Dead Body Of Soldier
Artical

Comments are closed.

GT vs MI Live Score: दोनों टीमों की नजरें पहली जीत पर, थोड़ी देर में होगा टॉस     |     शाहरुख खान की वो हीरोइन, जिसने पूरे करियर में की सिर्फ एक फिल्म, 50000 करोड़ के मालिक से रचाई है शादी     |     हो गया कमाल, ChatGPT से अब फ्री में बना सकते हैं Studio Ghibli Style AI इमेज, यह है प्रॉसेस     |     टैनिंग और सनबर्न से छुटकारा पाने के लिए चावल के आटे में मिलाएं ये एक चीज़ और लगाएं चेहरे पर, मिलेगा इंस्टेंट निखार     |     अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर एकदम से बदले, बोले- मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त, ट्रेड डील को लेकर दिए ये संकेत     |     First tranche of US-India trade deal to be finalised before end of year: Centre | India News     |     गर्मी से छुटकारा पाने के लिए AC ही नहीं है जरूरी! इन नेचुरल तरीकों से घर को बनाए ठंडा     |     बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 में इन छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम     |     Two Constables Find Guilty Who Helped Serial Killer And His Accomplice Escape From Police Custody In Lucknow – Amar Ujala Hindi News Live     |     आईआरसीटीसी मामला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने की रिहाई की मांग, वरिष्ठ अधिवक्ता ने दी यह दलील     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088