पोस्ट ऑफिस में कई छोटी बचत योजनाएं हैं। ये अपनी जगह आकर्षक हैं। पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग मंथली इनकम (एमआईएस) भी एक ऐसी ही स्कीम है। आप भी चाहें तो इस स्कीम में निवेश की शुरुआत कर हर महीने कमाई कर सकते हैं। इसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है। पोस्ट ऑफिस में इसके लिए अकाउंट खोलना काफी आसान है। खास बात यह है कि महज 1000 रुपये से इसमें निवेश की शुरुआत की जा सकती है। पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग मंथली इनकम अकाउंट आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस (डाकघर) में जाकर जरूर डॉक्यूमेंट्स जमा कर ओपन करा सकते हैं।
कौन खोल सकता है एमआईएस अकाउंट
इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग मंथली इनकम अकाउंट व्यक्तिगत और ज्वाइंट दोनों रूप में खोला जा सकता है। यहां तक कि 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग भी अपने नाम से यह अकाउंट खोल सकता है। ज्वाइंट अकाउंट मैक्सिमम तीन लोग मिलकर भी खोल सकते हैं। इतना ही नहीं, नाबालिग/विक्षिप्त व्यक्ति की ओर से अभिभावक भी यह अकाउंट हैंडल कर सकते हैं।
मैक्सिमम कितना कर सकते हैं निवेश
पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग मंथली इनकम अकाउंट अगर एक सिंगल अकाउंट है तो वह व्यक्ति या निवेशक मैक्सिमम 9 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है। अगर ज्वाइंट अकाउंट खोला गया है तो मैक्सिमम 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। ज्वाइंट अकाउंट में सभी अकाउंटहोल्डर्स का निवेश में बराबर हिस्सा होगा। अभिभावक के रूप में नाबालिग की ओर से खोले गए खाते की सीमा अलग होगी।
कितना मिल रहा है रिटर्न
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में मौजूदा समय में 7.4 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है जो मंथली आधार पर भुगतान किया जाता है। अकाउंट खोलने की तारीख से एक माह पूरा होने पर ब्याज देय होगा और इसी प्रकार मेच्योरिटी तक ब्याज देय होता है। यहां एक बात समझ लें, अगर खाताधारक द्वारा हर माह देय ब्याज का दावा नहीं किया जाता है तो ऐसे ब्याज पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही ब्याज को उसी पोस्ट ऑफिस में मौजूद सेविंग अकाउंट में ऑटो क्रेडिट या ईसीएस के जरिये प्राप्त किया जा सकता है। सीबीएस डाकघरों में एमआईएस खाते के मामले में, मासिक ब्याज किसी भी सीबीएस डाकघर में स्थित बचत खाते में जमा किया जा सकता है।
अकाउंट कब होगा परिपक्व (मेच्योर)
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में अकाउंट खोलने की तारीख से 5 वर्ष की समाप्ति पर संबंधित डाकघर में पासबुक के साथ तय एप्लीकेशन पेपर जमा करके अकाउंट बंद किया जा सकता है। एक और बात जान लें कि डिपोजिटर के हाथ में ब्याज टैक्स योग्य है। नियम के मुताबिक, जमा की तारीख से एक साल की समाप्ति से पहले कोई भी जमा राशि वापस नहीं ली जा सकती है। अगर अकाउंट खोलने की तारीख से एक साल के बाद और तीन साल से पहले खाता बंद किया जाता है तो मूलधन से 2% की कटौती की जाएगी और शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।
