Pregnant Women Gave Birth To Their Babies At Hospital Gate In Panipat, Seven Deliveries Took Place In Two Days – Amar Ujala Hindi News Live

पीड़ित महिला
– फोटो : संवाद
विस्तार
डॉक्टरों की हड़ताल व नर्सिंग ऑफिसर की बेबसी के बीच शुक्रवार को मानवता शर्मसार हुई। जिला नागरिक अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई दो गर्भवतियों को दाखिल करने से इंकार कर दिया गया। वह प्रसूति वार्ड से इमरजेंसी तक चक्कर काटती रही, लेकिन नर्सिंग ऑफिसर ने उन्हें रोहतक पीजीआई या निजी अस्पतालों में जाने को कहा। प्रसव पीड़ा के कारण उन्होंने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर इमरजेंसी वार्ड से नर्सिंग ऑफिसर बाहर आई उन्होंने चादर लगाकर महिला को ढका। इसके बाद दो प्रसूताओं व उनके बच्चों को प्रसूति वार्ड में दाखिल किया गया। फिलहाल दोनों की हालत सामान्य है।
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विकास नगर निवासी दिनेश ने बताया कि उसकी पत्नी राजकुमारी नौ माह की गर्भवती थी। इससे पहले वह दो बच्चों की मां थी। वह राजकुमारी को लेकर शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे अस्पताल में लेकर आया था। वह दूसरे तल पर प्रसूति वार्ड में उसे लेकर गया तो उसे यहां दाखिल करने से इंकार कर दिया गया। उसे कहा गया कि डॉक्टर नहीं है।
वह अपनी पत्नी को रोहतक पीजीआई या निजी अस्पताल में ले जाए। वह पत्नी को फिर इमरजेंसी वार्ड में लेकर आया। यहां नर्सिंग ऑफिसर ने उसे कहा कि वह प्रसूति वार्ड में ले जाए, यहां डिलीवरी नहीं होगी। उसे पत्नी दर्द से करहाती रही। जब वह पत्नी राजकुमारी को बाहर लेकर आने लगा तो गेट पर उसकी पत्नी को तेज दर्द हुआ और उसने वहीं पर बच्चे को जन्म दे दिया। उसकी पत्नी व बच्चे की जान से खिलवाड़ किया गया है।
दूसरा केस
काबड़ी रोड निवासी छोटे लाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी को जिला नागरिक अस्पताल में लेकर आया था। उसको दाखिल करने से इंकार कर दिया। वह इधर से उधर उसे लेकर घूमता र हा। उसकी पत्नी ने ब्लॉक बी के गेट पर बच्ची को जन्म दे दिया। यहां मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल के स्टाफ ने उसकी पत्नी पर दया भाव नहीं दिखाया।
दो दिन में महज सात डिलीवरी
जिला नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 35-40 डिलीवरी होती थी। फिलहाल यहां डिलीवरी बंद कर दी गई है। दो दिन में महज सात डिलीवरी की गई हैं। यह डिलीवरी भी उन महिलाओं की हुई है जो पहले से यहां दाखिल थी। एंबुलेंस चालक को बोल दिया गया है कि वह अस्पताल में प्रसूताओं को लेकर न आएं।
निजी अस्पतालों की चांदी
सरकारी डॉक्टरों की हडताल से निजी अस्पताल के डॉक्टरों की चांदी हो गई है। यहां से गर्भवतियों को निजी अस्पताल में ले जाना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में सामान्य डिलीवरी के 15 से 20 हजार व सिजेरियन डिलीवरी के 50 हजार से ज्यादा रुपये वसूले जा रहे हैं।

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