वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में करें पेश
हाईकोर्ट ने यह आदेश भारतीय मुजाहिदीन के सदस्यों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय मुजाहिदीन के यासीन भटकल और तीन अन्य आरोपियों की देशभर के विभिन्न न्यायालयों में जरूरत के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश भारतीय मुजाहिदीन के सदस्यों असदुल्लाह अख्तर, जिया-उर-रहमान, तहसीन अख्तर और अहमद सिद्दीबप्पा उर्फ यासीन भटकल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में इन आरोपियों ने केंद्र सरकार के उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उनकी तिहाड़ जेल से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई थी, जहां वे वर्तमान में बंद हैं।
आरोपियों के वकील ने कहा, शारीरिक उपस्थिति न होने के कारण कोर्ट की कार्यवाही में देरी हो रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील ने कहा, याचिकाकर्ता की सुरक्षा संबंधी इंतजामों की आवश्यकता रहती है, जिससे सार्वजनिक व्यय में वृद्धि होती है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा, याचिकाकर्ताओं द्वारा मुकदमे में देरी को लेकर उठाई गई चिंताएं निराधार नहीं हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि कोर्टरूम की सुरक्षापर बिना वजह बोझ न डाला जाए। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन आरोपियों को दिल्ली या देश के किसी अन्य हिस्से में ट्रायल कोर्ट के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। याचिकाकर्ताओं ने 2023 में दायर अपनी याचिका में मांग की थी कि उन्हें दिल्ली की जेल से बाहर निकालकर हैदराबाद की सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि उनकी अपील तेलंगाना हाई कोर्ट में लंबित थी।

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