Press Conference Of National Convenor Of Muslim Forum Mohammad Afzal In Dharamshala – Amar Ujala Hindi News Live – Himachal News:मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक बोले

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक मोहम्मद अफजल ने धर्मशाला में की प्रेस वार्ता।
– फोटो : अमर उजाला
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देश में वक्फ एक्ट को जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था, उसके लिए कोई काम नहीं हुआ है। वक्फ बोर्ड का गठन गरीब, अनाथ, विधवा और तलाकशुदा सहित जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया गया था, लेकिन मौजूदा समय में बोर्ड के पास अपने ही कर्मचारियों को वेतन देने के लिए आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। मजहब-ए-इस्लाम में कब्जा कर बनाई गई मस्जिद में नमाज पढ़ना सही नहीं है। सड़कों पर नमाज पढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। यह बात मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने बुधवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ एक्ट संशोधन बिल लाई है, जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, जो सही नहीं है। वर्ष 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने जो भी कानून बनाए हैं, उसमें सर्व समाज का हित हुआ है और वक्फ संशोधन बिल से भी सभी का ही हित होगा। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदू-मुस्लिम को एक-दूसरे के जज्बातों का सम्मान करना चाहिए। वक्फ बोर्ड में चुनाव का प्रावधान होना चाहिए और चुनाव लड़ने वाला पहले सदस्यता ले। हिंदू-मुस्लिम धर्म अलग हैं और घरों में अपने-अपने धर्म के अनुसार देवी-देवताओं और अल्लाह की इबादत करते हैं, लेकिन घरों से बाहर सड़कों पर सब भारतीय हैं। शिमला और मंडी में मस्जिद विवाद पर कहा कि संविधान के ऊपर कोई नहीं है। कानून को ऊपर रखकर सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना हमारा मकसद है। देश में सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है, लेकिन आज तक बोर्ड ने किसी जरूरतमंद की कोई मदद नहीं की।
उन्होंने कहा कि सनातनी समाज अपने धर्म के साथ मजारों पर भी विश्वास रखता है। दरगाह के लिए सनातनी भूमि दान देते हैं। हिंदू यदि वक्फ के लिए भूमि दान दे सकते हैं तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को सदस्य भी बनाया जाना चाहिए। महिलाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए चुनाव होना चाहिए और चुनाव से पहले सदस्यता लेना तय करते हुए कम से कम 500 रुपये सदस्यता शुल्क लिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से केंद्र सरकार ने किसी एक समाज को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि सर्वसमाज को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई हैं। आज विश्व के शक्तिशाली देशों में भारत का भी नाम शुमार हुआ है।

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