
लुधियाना में हड़ताल पर बिजली कर्मचारी।
– फोटो : संवाद
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मांगों के लिए पिछले तीन दिन से कलम छोड़ के साथ-साथ सारा काम छोड़कर हड़ताल पर चल रहे बिजली मुलाजिमों की मांगे सरकार ने अभी तक नहीं मानी है जिसके बाद सभी बिजली मुलाजिम पांच दिन की सामूहिक छुट्टी भरकर पांच दिन के लिए फिर से हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के दौरान न तो शिकायतें सुनी जाएंगी और न ही किसी दफ्तर में कोई काम होगा जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। आम लोगों को काम करवाने के लिए दफ्तरों के धक्के खाने पड़ेंगे।
इसके साथ ही बिजली मुलाजिमों को प्राइवेट तौर पर काम करने वाले मुलाजिमों का भी साथ मिल गया है जिसके बाद वह भी 13 सितंबर से हड़ताल पर जाने की तैयारी में जुट गए हैं। चार दिनों तक सभी मुलाजिम अपने दफ्तरों के आगे रोष प्रदर्शन और गेट रैलियां करेंगे और 17 सितंबर को पटियाला के मुख्य दफ्तर के आगे राज्यस्तरीय रोष प्रदर्शन किया जाएगा।
पीएसईबी इंप्लाइज जॉइंट फोर्म, बिजली मुलाजिम एकता मंच पंजाब और एसोसिएशन ऑफ जूनियर इंजीनियर के नेता रतन सिंह मजारी, गुरप्रीत सिंह गंडीविंड की अगवाई में एक मीटिंग की गई। नेताओं ने एलान किया कि बिजली कर्मचारियों की कई मांगें थीं। चुनाव से पहले सरकार ने सभी हल करने का वादा किया था। मगर चुनाव के बाद सरकार अपने सभी वादों से मुकर गई। अब रोष प्रदर्शन किया गया तो सरकार ने कुछ मांगें मानी हैं, लेकिन जो मुख्य मांगें थी उन पर ध्यान नहीं दिया गया।
नेताओं ने कहा कि बिजली मुलाजिमों की जायज और हकी मांगों का हल करने की बजाए तानाशाही और ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमले किए जा रहे हैं और कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। मैनेजमेंट की तरफ से कर्मचारियों के अंदर डर पैदा करने के लिए अनाधिकृत काम करवाया जा रहा है। कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ महिलाओं में जैसे कि क्लेरिकल, दर्जा चार, अकाउंट्स की ग्रिड सब स्टेशनों पर ड्यूटी लगाई जा रही है। मीटिंग के दौरान नेताओं ने एलान किया कि सभी मुलाजिम पांच दिन की सामूहिक छुट्टी भर 13 से 17 तक हड़ताल पर रहेंगे। वर्क टू रुल का प्रोग्राम पहले जैसे जारी रहेगा। फील्ड दौरे के दौरान बिजली मंत्री सहित बिजली निगम की मैनेजमेंट को काले झंडे दिखाए जाएंगे।

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