
धरने पर बैठे किसान।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने बैनर तले पंजाब के हजारों किसानों ने चंडीगढ़ में सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर पक्का मोर्चा लगा दिया है। शहर के सेक्टर-34 मेला ग्राउंड में प्रशासन की ओर से किसानों को जगह दी गई है, जिसके चलते पंजाब के विभिन्न जिलों से किसान यहां आ गए है।
किसानों ने पहले ही दिन ऐलान कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक अब वे चंडीगढ़ को छोड़कर नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा कि वह अभी केवल 3 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए है।
बाकायदा पहले दिन पुरुषों के साथ काफी संख्या में महिलाएं भी पक्के मोर्चे में शामिल होने के लिए पहुंची है और किसानों ने पंजाब व केंद्र सरकार सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
किसान यूनियन के प्रधान जोरा सिंह नसराली, सचिव लक्ष्मण सिंह, झंडा सिंह, सूबे सिंह, रूप सिंह सहित अन्य ने कहा कि पंजाब भूमि सीलिंग अधिनियम के अनुसार, एक परिवार 17.5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि का मालिक नहीं हो सकता है। इसलिए, लोगों को भूमिहीनों के बीच वितरण के लिए सरकार को अधिशेष भूमि देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इसे कम करके 10 एकड़ तक किया जाना चाहिए। इसके अलावा खेती सेक्टर में विदेशी कंपनियों व कॉरपोरेट की एंट्री बिलकुल बंद होनी चाहिए क्योंकि इसका सीधे तौर पर नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है।
यूनियन नेताओं ने कहा कि पंजाब में किसानों व मजदूरों के कर्जे सरकार द्वारा माफ किए जाने चाहिए क्योंकि कर्जों के कारण पंजाब ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब सरकार को अपने राज्य में कर्जे के बोझ तले आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद के तौर पर 10-10 लाख रुपये की सहायता करनी चाहिए।
यूनियन नेताओं ने ऐलान किया कि वह 4 सितंबर तक सरकार द्वारा उनकी मांगे माने जाने का इंतजार करेंगे और अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी हो वह 4 सितंबर को किसानों के साथ मीटिंग करेंगे। इसके बाद 5 सितंबर को ऐलान किया जाएगा कि सरकार के खिलाफ क्या किया जाए।
हालांकि इन्होंने यह भी साफतौर पर बोल दिया है कि वह तो घर से महीनों का राशन-पानी साथ लेकर आए है। अब सरकार पर निर्भर करेगा कि वह उनकी मांगों को पूरा करके उनका धरना किस दिन खत्म करवाते है।

Comments are closed.