पंकज शर्मा, संवाद, अमृतसर (पंजाब)
Updated Sun, 01 Sep 2024 08:54 PM IST

श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश हुए सुखबीर बादल
– फोटो : संवाद/फाइल
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पांच सिंह साहिबान की बैठक के दौरान 30 अगस्त को तनखाइया घोषित किए जाने के बाद अगले ही दिन सुखबीर बादल का श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकने के लिए पहुंचने पर सवाल खड़े हो गए हैं। पंथक संगठनों ने इसे सुखबीर की एक और पंथक गलती बताया है। सिख संगत में काफी रोष है। वहीं, बागी अकाली नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सुखबीर का माफी मांगने का तरीका गैर पंथक है।
शेर-ए-पंजाब दल के नेता व श्री हरमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी भाई बलदेव सिंह वडाला ने कहा कि सुखबीर बादल के सिर से अब भी सत्ता का नशा उतरा नहीं है। उन्हें अकाल तख्त की ओर से तनखाइया घोषित किया है। अब सुखबीर को सजा सुनाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाया जाना है। वहां संगत और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में आरोपी अपनी गलती स्वीकार करता। इसके बाद ही अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर को धार्मिक सजा सुनाई जानी है, लेकिन सुखबीर इस मुसीबत से जल्द बाहर निकलना चाहते हैं।
31 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर खुद ही पेश होकर क्षमा पत्र देने का सुखबीर का तरीका गैर पंथक है। सुखबीर ने पत्र में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को जल्दी पांच सिंह साहिबान की बैठक बुलाकर सजा देने की मांग की है। यह बातें गैर पंथक है। उन्होंने कहा कि अब यह फैसला अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को लेना है कि सुखबीर और अन्य दोषियों को कब बुलाना है न कि सुखबीर को।

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