Rajasthan:राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सेमिनार; राष्ट्रपति ने कहा- देश में 75 वर्षों में लोकतंत्र और अधिक मजबूत हुआ – President Draupadi Murmu Addressed The Commonwealth Parliamentary Association Seminar

मंच से सभा को संबोधित करतीं महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।
– फोटो : Amar Ujala Digital
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि देश की जनता की संवैधानिक लोकतंत्र में गहरी आस्था है और आजादी के बाद गत 75 वर्षों में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए देश में लोकतंत्र और अधिक मजबूत हुआ है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शुक्रवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित “राजस्थान विधानसभा के प्रमुख संवैधानिक पदधारकों का लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में योगदान” विषयक सेमिनार में संबोधित कर रही थीं। पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरो सिंह शेखावत के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
लोकतंत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त
राष्ट्रपति मुर्मू ने लोकतंत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश के 2 लाख 75 हजार से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों में 46 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि आज संसद में महिला सदस्यों की संख्या सौ से अधिक हो गई है, जो सुखद संकेत है।
स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत को नमन
राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति और राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत को नमन करते हुए कहा कि साधारण परिवार में जन्म लेकर भी कड़ी मेहनत, संघर्ष और जनसेवा के दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने देश के अग्रणी लोक सेवकों में स्थान बनाया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय शेखावत ने उपराष्ट्रपति के रूप में उच्च संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए आदर्श स्थापित किया। वे दलगत राजनीति से ऊपर थे और आमजन की समस्याओं की गहरी समझ रखते थे।
पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मेरे लिए भी प्रोत्साहन का स्रोत-मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रदेश के अब तक के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के योगदान को प्रदेश के विकास और संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि देश की पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल उनके लिए भी प्रोत्साहन का स्रोत रही हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कार्यक्रम आयोजन की सराहना की।
राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे स्व. भैरों सिह शेखावत-राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि स्व. भैरोसिंह शेखावत राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे। राज्यपाल ने स्व. शेखावत के साथ की अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हर एक दल के लोगों से आत्मीय संबंध रखते थे। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में स्व. भैरो सिंह शेखावत ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही जनता के लिए ‘अन्त्योदय योजना’, ‘काम के बदले अनाज’ जैसी योजनाएं प्रारंभ की, जो देश के अन्य राज्यों में भी अपनाई गईं।
राज्यपाल ने पहले लोकसभा अध्यक्ष स्व. गणेश वासुदेव मावलंकर के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि विधानमंडल के सदस्यों में लोकतंत्र की सच्ची भावना विकसित होनी चाहिए। इसके लिए राजनीति ही नहीं साहित्य और पत्रकारिता सहित दूसरे क्षेत्र के लोगों से भी सतत संपर्क और संवाद रखना जरूरी है। उन्होंने अपने संबोधन में संवैधानिक परम्पराओं से जुड़े कई रोचक प्रसंग भी साझा किए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए संवैधानिक पदों पर रहे राजस्थान की विभूतियों के कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि संविधानिक पदों पर बैठे लोग संविधान के दायरे में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
आदिवासी क्षेत्र से आते हुए राष्ट्रपति मुर्मू आज देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रहीं-नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सुदूर आदिवासी क्षेत्र से आते हुए राष्ट्रपति मुर्मू आज देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रही हैं। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में संसदीय लोकतंत्र को आगे ले जाने में यहां के जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आरम्भ में, राष्ट्रपति मुर्मू एवं राज्यपाल मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के सचिव संयम लोढ़ा, राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, विधायक और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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