Rajasthan All Accused Acquitted In Chittor Holi Riot Case After 15 Years Know Whole Matter – Amar Ujala Hindi News Live

सभी आरोपी बरी
– फोटो : अमर उजाला
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चित्तौड़गढ़ शहर में पंद्रह साल पहले होली पर हुए सांप्रदायिक दंगे में लिप्त रहे 27 आरोपियों को गुरुवार को न्यायालय ने बरी कर दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक खुशनुद खान के अनुसार, 22 मार्च 2008 को धुलंडी के अवसर पर शाम को अचानक शहर में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया। इसमें दोनों पक्षों की ओर से जमकर दुकानों व वाहनों में आगजनी की गई।
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पत्थरबाजी और चाकूबाजी में दर्जनों आमजन व पुलिसकर्मी घायल हुए। बाद में पुलिस की ओर से दो प्रथम सूचना रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज की गई और दोनों में दोनों पक्षों से कई लोगों को आरोपी बना न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। दोनों रिपोर्ट पर दो अलग-अलग मुकदमे चलते रहे और एक रिपोर्ट नम्बर 155 के सभी आरोपियों को न्यायालय ने साल 2018 में बरी कर दिया था। वहीं, रिपोर्ट नम्बर 156 में पुलिस ने कुल 33 आरोपी दोनों पक्षों के बनाए और आरोप पत्र पेश किया।
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय में चली सुनवाई के बाद गुरुवार को न्यायाधीश विनोद बैरवा ने निर्णय देते हुए अदालत में उपस्थित दोनों पक्षों के 27 आरोपियों को दंगा करने, सांप्रदायिक सद्भावन बिगाड़ने, आगजनी व पत्थरबाजी के सभी आरोपों में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। तीन आरोपियों की इस दौरान मौत हो गई, जबकि अकालु, जाकिर और शाहिद अब तक पुलिस पकड़ से बाहर होने पर उनके विरुद्ध प्रकरण खुला रखा गया है। ये सभी आरोपित बंगाल निवासी हैं।
अभियोजन पक्ष ने इस दौरान कुल 90 गवाह पेश किए और 203 फर्द प्रस्तुत की। लेकिन एक भी गवाह स्वतंत्र नहीं था, जिसका लाभ आरोपियों को मिला। कुल 33 आरोपियों में 17 हिंदू व 16 मुस्लिम थे। आरोपियों में हिन्दू संगठनों के कई पदाधिकारियों सहित भाजपा पार्षद भोलाराम प्रजापति को मुख्य आरोपी बनाया गया था। झगड़े की शुरुआत ही प्रजापति की कार पर आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखने व होलीरोपण के स्थान पर मुस्लिम समुदाय द्वारा संडीले लगाने को लेकर एक दिन पूर्व हुई थी। उस वर्ष होलिका दहन और बारावफात एक ही दिन थी।

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