Rajasthan Bjp Leader Gyan Dev Ahuja Interview On Naresh Meena, Mallikarjun Kharge And Cm Yogi – Amar Ujala Hindi News Live – Exclusive:’नरेश मीणा ने Sdm के साथ सही किया’, ज्ञान देव आहूजा बोले
राजस्थान में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने का भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपाध्यक्ष ज्ञान देव आहूजा ने समर्थन किया। आहूजा ने कहा है कि नरेश मीणा के थप्पड़ कांड को मैं गलत नहीं मानता हूं। उन्होंने एसडीएम के साथ जो किया वह गलत नहीं है। हनुमान बेनीवाल की तरह मैं भी उसे सही मानता हूं। लेकिन, मीणा के समर्थकों ने राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। यह किसी भी तरह से सही नहीं है। यह बात ज्ञान देव आहूजा ने अमर उजाला से खास बातचीत में कहीं। इसके अलावा उन्होंने संत रामभद्राचार्य के आरक्षण वाले बयान, बाबा साहब आंबेडकर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर भी अपनी बात रखी। इस दौरान उन्हों खरगे पर तीखा हमला बोला। वीडियो भी देखें…
खरगे और कांग्रेस नेता ही सनातन धर्म को तोड़ने के लिए बहुत
ज्ञान देव आहूजा ने संत रामभद्राचार्य के आरक्षण वाले बयान को लेकर कहा कि मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। हम सनातन धर्म के मानने वाले लोग हैं, हम भगवा का बहुत सम्मान करते हैं। हम भगवा धारण करते हैं और भगवा को अपने शीश पर रखते हैं। लेकिन, संतों को इस तरीके के बयान नहीं देने चाहिए जिससे समाज में विघटन पैदा हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही मायने में संत हैं। उन्होंने एक बयान दिया, कहा- ‘बटोगे तो काटोगे’, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लिया, उन्होंने कहा एक हैं तो सेफ हैं। आहूजा ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य कांग्रेस नेता ही सनातन की एकता सनातन धर्म को तोड़ने के लिए बहुत हैं। संत समाज के लोगों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिससे हमारे दलित भाइयों-बहनों या दलित समाज को ठेस पहुंचे। आहूजा ने कहा-आरक्षण अभी खत्म नहीं होना चाहिए। हम सबको मिलकर देश को अखंड बनाना चाहिए, 24 टुकड़ों को फिर से एक करना चाहिए, हिंदू एकता कायम होगी।
बाबा साहब की बात महात्मा गांधी और नेहरू ने नहीं मानी
ज्ञान देव आहूजा ने कहा- मैं बाबा साहब आंबेडकर का सम्मान करता हूं, उन्हें दिल से मानता हूं। बाबा साहब ने उस समय सही बात कही थी, जो जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी ने नहीं मानी। उन्होंने कहा था कि धर्म के आधार पर देश के टुकड़े किए गए हैं, ऐसे में मुसलमान को यहां से पाकिस्तान भेजो और पाकिस्तान में जो हिंदू हैं उन्हें यहां लेकर आओ। लेकिन उनकी यह बात नहीं मानी गई, अगर मानी जाती तो आज स्थिति कुछ और होती।

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