Rajasthan Bypolls: How Will Bjp Deal With The Rebellion, Infighting And Rebellious Attitude Of The Party? – Amar Ujala Hindi News Live

राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
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विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के लिए बागी बड़ी चुनौती बन रहे हैं। विधानसभा के आम चुनाव में जो बागी थे, उन्हें उपचुनाव में टिकट दिया गया है लेकिन बीजेपी का यही दांव बगावत के बीज बो गया और अब इन चुनावी सीटों के दूसरे दावेदार अपनी ताल ठोंकने में लगे हैं।
राजस्थान में छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बीजेपी में बगावत और मान-मनुहार का दौर चल पड़ा है। देवली-उनियारा, झुंझुनू और रामगढ़ सीट पर स्थानीय नेताओं के बागी तेवरों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दौसा में भीतरघात बड़ी चुनौती बन गई है।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के पास बागियों को साधने की जिम्मेदारी है। साथ ही प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी हर सीट पर एक भी बागी नहीं रहे इसका टास्क दिया है। कुछ सीटों पर बागियों को मनाने का दावा है तो कुछ पर डैमेज कंट्रोल चल रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सभी बागियों को मनाने का दावा किया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया है कि भाजपा सभी 7 सीटें हारेगी।
रामगढ़ से जय आहूजा नाराज
देवली उनियारा, झुंझुनू और रामगढ़ सीट पर नाराजगी और बगावत का दौर अब भी जारी है। रामगढ़ से 2023 में उम्मीदवार रहे जय आहूजा ने आज रामगढ़ में सभा भी रखी है। इस बीच प्रशासन ने उन्हें नोटिस देकर उनकी नाराजगी को और बढ़ा दिया है, हालांकि आहूजा ने प्रशासन के नोटिस का जवाब दे दिया है। फिलहाल उनकी नाराजगी बरकरार है। पार्टी जय आहूजा को मनाने के जी तोड़ प्रयास कर रही है।
झुंझुनू में बबलू बागी होकर मैदान में
झुंझुनूं सीट से पिछली बार के उम्मीदवार बबलू चौधरी भी टिकट कटने से नाराज हैं और उन्होंने भी बागी नामांकन भरने का ऐलान कर रखा है। उधर देवली उनियारा सीट से पिछली बार के उम्मीदवार विजय बैंसला भी टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं और उनके समर्थक लगातार टिकट काटने का विरोध कर रहे हैं।
ऐसे में भाजपा को सभी को एक साथ साधकर चलना और पनप रहे भीतरघात को दबाना तलवार की धार पर चलने के समान होगा।

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