Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
13 जून से चमकेगी इन 3 राशियों की किस्मत, शुक्र करेंगे नक्षत्र परिवर्तन, बढ़ेगी इनकम, मिलेगा प्रमोशन, बनेंगे सारे बिगड़े काम Bihar : Elder Brother Murdered Younger Brother Navgachiya Bhagalpur Bihar Police Businessman Vinay Murder Case - Amar Ujala Hindi News Live यूपी: जम्मू में अपनी गृहस्थी को छोड़कर जल्दबाजी में लौट रहे हैं लोग, भरी आ रही हैं ट्रेनों की बोगियां उत्तराखंड: बड़े उद्योगों को देनी ही होगी बिजली की 45 दिन की एडिशनल सिक्योरिटी, आयोग ने तीन याचिकाएं कीं खारिज Delhi: दिल्ली विधानसभा बनेगी भारत की पहली सौर ऊर्जा से चलने वाली विधानसभा, हर महीने 15 लाख की होगी बचत Sagar News: Money Demanded By Threatening To Make Obscene Photos Viral On Social Media - Madhya Pradesh News Chittorgarh News: 2 Innocent Children Died Due To Wall Collapse During Rain, Mourning Spread In Udpura Village - Chittorgarh News 'कुत्ते की दुम टेढ़ी ही रहती है', पाकिस्तान के धोखा देने के बाद वीरेंद्र सहवाग ने दिया ऐसा रिएक्शन पाकिस्तान के भिखारीपन पर भड़कीं एक्ट्रेस, पत्रकार को दिया करारा जवाब, बोलीं- 'कटोरा लेकर घूमते रहो' Dream11 या My11Circle पर टीम बनाकर जीते हैं पैसे, जानें कितना देना होगा टैक्स?

Rajasthan Dharna 47th Day In Bikaner To Save Khejri Tree People Protesting By Keeping Their Mouths Shut – Amar Ujala Hindi News Live


Rajasthan Dharna 47th day in Bikaner to save Khejri tree people protesting by keeping their mouths shut

खेजड़ी का पेड़
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए चल रहा आंदोलन 47वें दिन भी जारी है। इस अनूठे प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों ने मुंह पर ताला लगाकर अपनी आवाज बुलंद की है, जिससे उनके संकल्प और इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया जा सके।

Trending Videos

धरना स्थल पर जुटे प्रदर्शनकारियों का कहना है, हम विकास के विरोधी नहीं हैं। लेकिन सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी पेड़ों को लगातार काटे जाने से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और इसे रोकने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे वन्य जीव प्रेमी मोखराम धारणियां ने बताया, खेजड़ी न केवल हमारी जैव विविधता का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है और जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। आगामी 21 अक्तूबर को राजस्थान के सभी वन्यजीव प्रेमी जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। मुंह पर ताला लगाने वाले प्रदर्शनकारियों का संदेश था कि सरकार की चुप्पी और उदासीनता को हम प्रतीकात्मक रूप से दर्शा रहे हैं। इस अनूठे प्रदर्शन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

इस दौरान आमरण अनशन पर बैठी अल्का विश्नोई ने बताया कि सोलर कंपनियां सैकड़ों की संख्या में खेजड़ी के पेड़ काट रही हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड रहा है। खेजड़ी के लिए हमारे पुरखों ने सिर तक कटवा दिए। ऐसे में हमारी मांग है कि सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी वृक्षों की कटाई पर तत्काल रोक लगाई जाए अन्यथा हमारे पुरखों की तरह खेजड़ी को बचाने के लिए हम अपने प्राणों की आहूति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। खेजड़ी बचाने के लिए आंदोलनरत लोगों का कहना है कि जब तक खेजड़ी के संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, उनका संघर्ष जारी रहेगा।

आखिर इतना क्यों खास है खेजड़ी का पेड़

राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और औषधीय महत्व से काफी अहम है। खेजड़ी पेड़ राजस्थान के थार रेगिस्तान के जिलों और शेखावाटी क्षेत्र में सबसे ज़्यादा पाया जाता है। थार के मरुस्थल में खड़ा खेजड़ी वृक्ष यहां के लोगों के सुख-दुख का सच्चा साथी कहा जाता है। इसे बचाने के लिए 12 सितंबर, 1730 में आंदोलन भी हुआ था। इस आंदोलन में अमृता देवी के नेतृत्व में 363 बिश्नोई महिला-पुरुषों और बच्चों ने पेड़ों को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया था। इस घटना को खेजड़ली नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है। यह आंदोलन राजस्थान के जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव में हुआ था।

राजस्थान का कल्पवृक्ष है खेजड़ी

खेजड़ी को साल 1983 में राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित किया गया था। खेजड़ी को राजस्थान का कल्पवृक्ष और रेगिस्तान का गौरव भी कहा जाता है। खेजड़ी के पेड़ की वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरेरिया है। इसे शमी, खिजरो, झंड, जाट, खार, कांडा, और जम्मी जैसे नामों से भी जाना जाता है। जबकि खेजड़ी का व्यापारिक नाम कांडी है। खेजड़ी के पेड़ की उम्र पांच हजार साल तक हो सकती है। इस पेड़ की लकड़ी मज़बूत होती है, जिसका इस्तेमाल ईंधन, फर्नीचर और यज्ञ पूजन में किया जाता है। इसकी जड़ से ही हल भी बनाया जाता है। 



Source link

1730580cookie-checkRajasthan Dharna 47th Day In Bikaner To Save Khejri Tree People Protesting By Keeping Their Mouths Shut – Amar Ujala Hindi News Live
Artical

Comments are closed.

13 जून से चमकेगी इन 3 राशियों की किस्मत, शुक्र करेंगे नक्षत्र परिवर्तन, बढ़ेगी इनकम, मिलेगा प्रमोशन, बनेंगे सारे बिगड़े काम     |     Bihar : Elder Brother Murdered Younger Brother Navgachiya Bhagalpur Bihar Police Businessman Vinay Murder Case – Amar Ujala Hindi News Live     |     यूपी: जम्मू में अपनी गृहस्थी को छोड़कर जल्दबाजी में लौट रहे हैं लोग, भरी आ रही हैं ट्रेनों की बोगियां     |     उत्तराखंड: बड़े उद्योगों को देनी ही होगी बिजली की 45 दिन की एडिशनल सिक्योरिटी, आयोग ने तीन याचिकाएं कीं खारिज     |     Delhi: दिल्ली विधानसभा बनेगी भारत की पहली सौर ऊर्जा से चलने वाली विधानसभा, हर महीने 15 लाख की होगी बचत     |     Sagar News: Money Demanded By Threatening To Make Obscene Photos Viral On Social Media – Madhya Pradesh News     |     Chittorgarh News: 2 Innocent Children Died Due To Wall Collapse During Rain, Mourning Spread In Udpura Village – Chittorgarh News     |     ‘कुत्ते की दुम टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान के धोखा देने के बाद वीरेंद्र सहवाग ने दिया ऐसा रिएक्शन     |     पाकिस्तान के भिखारीपन पर भड़कीं एक्ट्रेस, पत्रकार को दिया करारा जवाब, बोलीं- ‘कटोरा लेकर घूमते रहो’     |     Dream11 या My11Circle पर टीम बनाकर जीते हैं पैसे, जानें कितना देना होगा टैक्स?     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088