Rajasthan Former Cm Ashok Gehlot Writes Open Letter To Pm Narendra Modi – Amar Ujala Hindi News Live

अशोक गहलोत और नरेंद्र मोदी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए राजस्थान की कांग्रेस सरकार के सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस सरकार के पास समावेशी दृष्टिकोण के वादों को पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड है।
गहलोत ने बताया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र ही राजस्थान सरकार की नीतियों का आधार था और हर कार्यकाल में पार्टी ने पहली कैबिनेट बैठक में इस घोषणा पत्र पर चर्चा कर उसे नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया। उन्होंने कहा कि इस घोषणा पत्र के आधार पर कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई गईं और समय पर लागू भी की गईं, जिससे जनता को लाभ हुआ।
Pradhan Mantri ji,
The Congress Government in Rajasthan had the track record of fulfilling its promises for an inclusive vision for social and economic justice. Party’s vision and its policy oriented approach were documented in its manifesto. In every tenure, after the…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 1, 2024
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें देश भर में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना से राज्य के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा में वृद्धि हुई है। साथ ही, उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन और न्यूनतम आय कानून को कांग्रेस सरकार की एक अहम उपलब्धि बताया।
गहलोत ने आयुष्मान भारत योजना पर भी टिप्पणी की, जिसमें केवल 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को पांच लाख रुपये का बीमा उपलब्ध है, जबकि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में 25 लाख रुपये का कैशलेस बीमा लागू किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं को या तो बंद कर दिया या कमजोर कर दिया, जिसके कारण जनता के बीच नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह राजस्थान के लोगों के बीच एक अध्ययन करवाएं, ताकि कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने के कारण जनता में व्याप्त असंतोष को समझा जा सके। गहलोत ने यह भी कहा कि यह दुखद है कि प्रधानमंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं, जबकि उनकी सरकार 2014 और 2019 में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।

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