Rajasthan News: Marwar Breed Horses Of Maharana Pratap’s ‘chetak’ Are Prepared In Jalore – Amar Ujala Hindi News Live
घोड़ों की उपयोगिता और मांग
मारवाड़ी नस्ल के घोड़े मुख्य रूप से सवारी, खेल और शाही परंपराओं में उपयोग किए जाते हैं। इनकी मांग न केवल राजस्थान और भारत के अन्य राज्यों (जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र) में है, बल्कि विदेशों में भी ये बेहद लोकप्रिय हैं। राजस्थान के विभिन्न महलों और राजघरानों में इनका उपयोग रॉयल फंक्शन और शो में होता है। मारवाड़ी घोड़े घुड़सवारी और दौड़ प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हैं। जालोर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में इन घोड़ों ने नाम कमाया है।
जालोर की पहचान अश्व प्रेमी और पालक
जालोर में मारवाड़ी घोड़ों के पालक अपनी परंपराओं को सहेजते हुए इनकी देखभाल करते हैं। अमृतनाथजी महाराज के मठ में 18 मारवाड़ी घोड़े हैं, जिनकी देखभाल एक विशेष टीम करती है। अश्वपालक भोम सिंह ने बताया कि जालोर के घोड़ों ने देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। राजस्थान के अलावा तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली में भी इनकी मांग है। मारवाड़ी घोड़ों की कीमत उनके शारीरिक ढांचे, नस्ल और प्रदर्शन क्षमता पर निर्भर करती है। इनकी कीमत 5 लाख रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक होती है। विदेशी घुड़सवारी प्रेमी भी इन घोड़ों को खरीदने में रुचि रखते हैं।

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