Rajasthan News: U-turn For The Second Time In 2 Days, Immediately Canceled The Transfer Order Of The Principal – Amar Ujala Hindi News Live – Rajasthan News :गफलत की सरकार, दो दिन में दूसरी बार यू

राजस्थान
– फोटो : सोशल मीडिया
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भजनलाल सरकार एक के बाद एक लगातार यू टर्न ले रही है। मंगलवार को राजस्थान में उपचुनाव की तारीख के ऐलान महज कुछ घंटे पहले भजनलाल सरकार ने उपचुनाव वाली सीट दौसा से बड़ी संख्या में प्रिंसिपल के ट्रांसफर बॉर्डर वाले जिले बांसवाड़ा और बाड़मेर में कर दिए थे लेकिन भाजपा नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने इन तबादलों का विरोध करते हुए एक चिट्ठी लिखी और इसके बाद तबादलों के आदेश तुरंत ही निरस्त कर दिए गए।
राजस्थान में आज जब उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने वाला है उससे ठीक पहले दौसा से बड़ी संख्या में प्रिंसिपल को बांसवाड़ा और बाड़मेर ट्रांसफर कर दिए गए थे। शिक्षा विभाग की तरफ से जारी 40 प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए गए, इनमें से 33 दौसा से हैं। ऐसे में इन तबादलों को सीधे उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। काबिले गौर यह भी है कि लोकसभा चुनाव के दौरान दौसा सीट पर पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत नहीं दिख रही थी और उस समय बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सार्वजनिक तौर पर कुछ सरकारी कर्मचारियों को चेताया भी था कि दौसा में सरकारी कर्मचारी जो कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें बोरिया-बिस्तर बांधकर तैयार रहना चाहिए। ऐसे में इस लिस्ट को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। जिन प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए गए हैं उनमें अधिकांश एसटी कम्युनिटी से हैं, ऐसे में ये तबादले चुनावी मुद्दा भी बन सकते हैं।
सरकार का सर्कस, सजने से पहले ही बिखर गया : जूली
इधर तबादले निरस्त किए जाने की बात सामने आते ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पर्ची सरकार ने आज एक नया सर्कस रचा और यह सजने से पहले ही कुछ ही देर में बिखर गया लेकिन इससे सरकार की नीयत में खोट की पोल खुल गई।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि प्रदेश में सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की तिथि की घोषणा से चंद घंटे पहले राज्य की भाजपाई पर्ची सरकार ने दौसा जिले के शिक्षकों की लंबी तबादला सूची जारी की। ये तबादले राजनीतिक लाभ और पूर्वाग्रह की दृष्टि से किए गए थे। सरकारी कार्मिकों पर दबाव बनाने के लिए किए गए इन तबादलों को चुनाव आयोग निरस्त करता, इस किरकिरी से बचने के लिए सरकार ने यह तबादला सूची वापस ले ली। यह राज्य की भाजपा सरकार की नैतिक हार है, जो प्रदेश की जनता का विश्वास खो चुकी है। मुख्यमंत्री और भाजपा पार्टी को तबादला सूची जारी करने के इस सर्कस के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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