Rajkumar Roth Interview: Bap Will Field Candidates In The By-elections On Chaurasi, Salumbhar And Dausa Seats – Amar Ujala Hindi News Live

राजकुमार रोत से बातचीत।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बीएपी के सांसद राजकुमार रोत ने बाड़मेर दौरे के साथ राजस्थान में थर्ड फ्रंट को एक बार फिर चर्चाओं में ला दिया है। इसी साल यहां 6 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव भी होने हैं। ऐसे में सियासत के नये गठजोड़ का राजस्थान की चुनावी राजनीति पर कितना असर देखने को मिलेगा ये देखना दिलचस्प होगा। इस दौरे के बाद रोत कान्फिडेंट नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ी बात भी कही है कि उपचुनावों में उनकी पार्टी 6 में से तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रही है। कांग्रेस से गठंधन के भविष्य और भाजपा से नये रिश्तों नए समीकरणों की चर्चाओं पर रोत ने अमर उजाला से खास बातचीत की। पेश है उनकी बातचीत के अंश…
सवाल: रविवार को आप बाड़मेर में सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक रविंद्र सिंह भाटी एक साथ नजर आए तो फिर से थर्ड फ्रंट की चर्चाएं शुरू हो गई। क्या ऐसा है?
जवाब: रेगिस्तानी क्षेत्रों में 30 लाख के आस-पास भील रहते हैं- शिक्षा के अभाव में वहां लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हम चाहते हैं कि ये लोग शिक्षा से जुड़ें और अपने अधिकारों को पहचानें।
सवाल: राजस्थान में जब भी चुनाव आते हैं थर्ड फ्रंट की बात शुरू हो जाती है। क्या आपको लगता है कि राजस्थान में थर्ड फ्रंट बन सकता है?
जवाब: राजस्थान में बिल्कुल इसकी संभावना है। हम क्षेत्रीय दलों के संपर्क में हैं। हम चाहते हैं कि 2028 में आने वाले चुनावों में थर्ड फ्रंट मजबूती से उभर कर सामने आए।
सवाल: राजस्थान में उपचुनाव आ रहे हैं बीएपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और क्या कांग्रेस से कोई गठबंधन होगा?
जवाब: वैसे तो यह सब आचार संहिता लागू होने के बाद निर्णय लिया जाएगा। गठबंधन हो भी सकता है और ऐसा भी हो सकता है कि हम अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ें। उपचुनाव में हम चौरासी, सलूंबर और दौसा तीनों जगह अपने प्रत्याशी उतारना चाहेंगे। लेकिन अभी पार्टी स्तर पर इसका निर्णय होना है।
सवाल: भाजपा के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल का बयान आया था कि आपके लिए उनकी पार्टी के दरवाजे खुले हैं। क्या ये बयान बीजेपी-बीएपी के नए रिश्तों की शुरुआत है?
जवाब: बीजेपी के प्रभारी ने जो कहा ठीक कहा। उससे हम सहमत भी हैं। किसी को कोई आपत्ति नहीं। लेकिन बीजेपी के टीएडी मंत्री और प्रदेशाध्यक्ष जिस तरह के बयान देते हैं। आदिवासियों के लिए अपशब्द कहे जाते हैं। उसे देखते हुए मुझे तो नहीं लगता कि हमारा बीजेपी से कभी गठजोड़ हो सकता है।

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