भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अहमदाबाद के ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया। आरबीआई ने बताया कि कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही कमाई की कोई संभावनाएं नजर आ रही थीं। इसके अलावा, ये बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कुछ जरूरी नियमों का पालन करने में भी विफल रहा है, जिसकी वजह से ये बड़ा कदम उठाना पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक स्टेटमेंट में कहा कि गुजरात को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर (Liquidator) अपॉइंट करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
98.51 प्रतिशत ग्राहकों को मिल जाएंगे सारे पैसे
लिक्विडेटर पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से सिर्फ 5 लाख रुपये की मॉनेटरी लिमिट तक अपनी जमा राशि पर इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट प्राप्त करने का हकदार होगा। रिजर्व बैंक ने आगे कहा कि को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.51 प्रतिशत ग्राहक DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 31 मार्च, 2024 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के ग्राहकों को 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक ने बंद किया बैंकिंग कारोबार
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा काम जारी रखना ग्राहकों के हितों के लिए हानिकारक है। अपनी मौजूदा फाइनेंशियल कंडीशन के साथ बैंक अपने ग्राहकों को पूरे पैसे देने में असमर्थ होगा।’’ रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर बैंक को अपना बैंकिंग कारोबार आगे भी जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे ग्राहकों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लाइसेंस रद्द होने के बाद, ये सहकारी बैंक बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को कारोबार बंद होने के साथ ही बैंकिंग व्यवसाय कारोबार बंद कर देगा। बैंकिंग कारोबार में अन्य चीजों के अलावा कैश डिपोजिट करना और डिपोजिट का रीपेमेंट भी शामिल है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
