RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने देश के करोड़ों आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए आज रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। इस ताजा कटौती के बाद रेपो रेट अब 6.00 प्रतिशत से घटकर 5.50 प्रतिशत हो गया है। रेपो रेट घटाए जाने से अब सभी बैंक लोन की ब्याज दरें भी घटा देंगे, जिससे आम लोगों को सस्ती दरों पर लोन मिलेगा। लोन सस्ता होने से होम लोन, कार लोन जैसे तमाम लोन की ईएमआई भी घट जाएंगी, जिससे लोग अब ज्यादा बचत कर पाएंगे। यहां हम जानेंगे कि रेपो रेट घटाए जाने से आपके होम लोन की ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा और आपको कितनी बचत होगी।
ईएमआई पर क्या पड़ेगा असर
यहां हम आपको भारतीय स्टेट बैंक के उदाहरण से ईएमआई कैलकुलेशन को समझाने की कोशिश करेंगे। एसबीआई फिलहाल 8.00 प्रतिशत की शुरुआत ब्याज दरों पर होम लोन दे रहा है। आरबीआई के आज के फैसले के बाद एसबीआई के होम लोन की शुरुआती दरें 8.00 प्रतिशत से घटकर 7.50 प्रतिशत हो जाएगी। जिससे आपकी मंथली ईएमआई भी घट जाएंगी।
एक साल में कितनी होगी बचत
मान लीजिए आपने एसबीआई से 8.00 प्रतिशत की ब्याज दर पर 30 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया था। इसके लिए आपको हर महीने करीब 36,688 रुपये की ईएमआई चुकानी होती है। रेपो रेट घटाए जाने के बाद लोन सस्ता हो जाएगा और आपको 7.50 प्रतिशत के हिसाब से लोन चुकाना होगा। 7.50 प्रतिशत के हिसाब से 30 साल के लिए 50 लाख रुपये के होम लोन के लिए आपको हर महीने करीब 34,961 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। इस तरह से आपको हर महीने करीब 1727 रुपये की बचत होगी। इस हिसाब से हर साल आपके करीब 20,724 रुपये बचेंगे।
फ्लोटिंग रेट पर मिलता है होम लोन
लेकिन आपको यहां ध्यान रखना होगा कि ज्यादातर बैंक फ्लोटिंग रेट पर होम लोन देते हैं। फ्लोटिंग रेट का मतलब है कि जैसे-जैसे आरबीआई रेपो रेट घटाएगा, आपके लोन की ब्याज दरें और ईएमआई भी घट जाएंगी। इसी तरह, आरबीआई जब रेपो रेट बढ़ाएगा तो आपके लोन की ब्याज दरें और ईएमआई भी बढ़ जाएंगी।
