Rising Rajasthan: Prime Minister Modi Praised Rajasthan’s ‘r Factor’ At The Global Investment Summit – Amar Ujala Hindi News Live – Rising Rajasthan:पीएम ने सराहा ‘आर फैक्टर’, बोले
राजधानी जयपुर में सोमवार से शुरू हुई राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट के पहले दिन कई बड़े निवेश के एलान हुए। समिट का उद्घाटन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान के आर फैक्टर में रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू जुड़ गया है।
अडानी समूह, टाटा समूह, महिंद्रा समूह ने सोमवार को राजधानी जयपुर में शुरू हुई ग्लोबल निवेश समिट राइजिंग राजस्थान में दीर्घकालीन तथा बड़े निवेश की प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि आज हम ग्लोबल विजन और ग्लोबल इंपैक्ट पर काम करते हुए आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुके हैं। सरकार औद्योगिक प्रगति के लिए ‘होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच’ पर समन्वित रूप से एक साथ काम करते हुए हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रही है। सबके प्रयास की इस भावना से ही हम सब मिलकर विकसित भारत और विकसित राजस्थान बनाएंगे।
मोदी ने कहा कि भारत की सफलता में डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल डेटा एवं डिलीवरी की पावर की अहम भूमिका है और आने वाले समय में दुनिया इनकी असली ताकत देखने वाली है। बीते दशक में सरकार ने जो फैसले लिए हैं, उनकी बदौलत डिजिटिल इकोसिस्टम ने भारत में व्यापार-कारोबार के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। आज डिजिटल ट्रांजेक्शन्स में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं और देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब चार गुणा बढ़ी है।
कहा- पिछली सरकारों ने विकास-विरासत का ध्यान नहीं रखा
पीएम ने कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से तो राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है ही, राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो सरकारें आई उन्होंने न तो देश के विकास को प्राथमिकता पर रखा और ना ही देश की विरासत का ध्यान रखा। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चल रही है और इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को भी हो रहा है।
राजस्थान के ‘आर फैक्टर’ की सराहना
मोदी ने राजस्थान के आर फैक्टर पर फोकस करते हुए कहा कि आज राजस्थान राइजिंग तो है ही, रिलायबल व रिसेप्टिप भी है और समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। उन्होंने बीते एक साल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान के इस आर फैक्टर में अब यहां की रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू भी जुड़ चुका है।
राजस्थान बनेगा निवेश का आकर्षक गंतव्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास रोड से लेकर रेलवेज तक, हैंडलूम से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक बहुत कुछ है। प्राकृतिक संसाधनों के भंडार, समृद्ध विरासत, विस्तृत लैंडमास, आधुनिक कनेक्टिविटी नेटवर्क और समर्थ युवा शक्ति के कारण राजस्थान निवेश का आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में जैतून और जेट्रोपा की खेती, जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी, भीलवाड़ा के टेक्सटाइल, मकराना के मार्बल, कोटा डोरिया और नागौर की पान मेथी का जिक्र करते हुए कहा कि आज यहां की सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है।
आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान
मोदी ने कहा कि राजस्थान, दिल्ली एवं मुंबई जैसे दो बड़े आर्थिक केन्द्रों और महाराष्ट्र व गुजरात के पोर्ट्स को उत्तर भारत से जोड़ता है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। राजस्थान में जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे खनिजों के बड़े भंडार हैं। इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस तरह आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान है।
राजस्थान दुनिया के चुनिंदा पर्यटन स्थलों में से एक
पीएम ने कहा कि भारत के समृद्ध भविष्य में पर्यटन का बहुत बड़ी भूमिका होगी। केंद्र सरकार ने अलग-अलग थीम सर्किट्स से जुड़ी कई योजनाएं भी शुरू की हैं, इन प्रयासों के कारण कोरोना के बावजूद भी बीते दस साल में भारत में 7 करोड़ से ज्यादा विदेश टूरिस्ट आए हैं। उन्होंने कहा कि टूर, ट्रेवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दृष्टि से राजस्थान दुनिया के चुनिंदा स्थानों में से एक है।
एमएसएमई सेक्टर बनेगा बढ़ते राजस्थान की ताकत
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में राजस्थान भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। एमएसएमई की ये बढ़ती ताकत राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यहां 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग इनमें काम करते हैं। एमएसएमई आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिल सकें।
समिट से पहले ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार ने पहले वर्ष में ही समिट का आयोजन किया है ताकि प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी आवश्यक कदम ठीक ढंग से और समय पर उठाए जा सकें। राज्य में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन हो रहा है जिसमें 32 देशों द्वारा भाग लिया जा रहा है। इस समिट के प्रारंभ होने से पूर्व ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू संपादित किए जा चुके हैं जो निवेशकों द्वारा राज्य के प्रति व्यक्त किए गए विश्वास को दर्शाता है।
पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएं हैं। खनिज, पेट्रोलियम, ओटोमोबाइल, टेक्सटाइल, पर्यटन, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में राजस्थान में निवेश कर अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। राज्य सरकार पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर कार्य कर रही है। यह समिट इस क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वेदांता समूह के संस्थापक अनिल अग्रवाल ने कहा कि विश्व में वे देश ही आज सर्वाधिक सफल और विकसित हैं, जिन्होंने भूगर्भ के संसाधनों का समुचित दोहन किया है। प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत समृद्ध राजस्थान में भी विकास एवं प्रगति की प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमने हिंदुस्तान जिंक और केयर्न एनर्जी के माध्यम से राजस्थान में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश कर लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है। यहां निवेश करने से हमें काफी लाभ हुआ है। उन्होंने आने वाले समय में राजस्थान में निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आने वाले समय में हमारा राजकीय राजस्व में अपने योगदान में तीन गुना तक वृद्धि करने और पांच लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।
अडानी पोर्ट्स एण्ड स्पेशल इकॉनॉमिक जोन के प्रबंध निदेशक करण अडानी ने कहा कि राजा-महाराजाओं की धरती रही राजस्थान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए होने वाली प्रगति ही सही मायनों में प्रगति है। उन्होंने इस दौरान आने वाले समय में राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि राजस्थान से उनका पीढ़ियों से नाता रहा है। राजस्थान से जुड़ाव के कारण ही विश्व में राजस्थान के एम्बेसडर के रूप में उनकी पहचान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बिट्स पिलानी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी उनके समूह की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उन्होंने मिनरल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म और रिन्यूएबल एनर्जी को राजस्थान के मित्र की संज्ञा देते हुए कहा कि राजस्थान में हमारा निवेश यहां की सरकार और नीतियों पर हमारे विश्वास को प्रकट करता है। उन्होंने बाहर से आए निवेशकों से पधारो म्हारे देश और निवेश करो म्हारे देश का आह्वान भी किया।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि राजस्थान की बावड़ियां प्राचीन काल से ही यहां के निवासियों की नवाचारों की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। साथ ही इन बावड़ियों में राजस्थान के तकनीकी उज्ज्वल भविष्य के बीज भी समाए हैं। उन्होंने जयपुर में महिन्द्रा वर्ल्ड सिटी से जुड़े अपने अनुभव के बारे में बताया और राजस्थान में संचालित अपनी परियोजनाओं और रोजगार सृजन के बारे में जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने समारोह स्थल में कन्ट्री पैवेलियन एवं अन्य स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान सांगानेर ब्लॉक प्रिंटिंग की कार्यप्रणाली भी समझी। आरम्भ में मुख्यमंत्री ने चूरू के शिल्पकार द्वारा चंदन की लकड़ी से तैयार तलवार प्रधानमंत्री मोदी को भेंट की, जिसमें महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी अभिव्यक्तियां हैं। उन्होंने साफा पहनाकर प्रधानमंत्री का स्वागत भी किया।

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