Published by: Krishan Singh
Updated Sat, 17 Aug 2024 10:56 AM IST
इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी (आईएचटी) ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से इसे उगाया है।

शिमला में बिना मिट्टी के ही उगा दिया केसर
– फोटो : संवाद
विस्तार
शिमला के बिगरी धामी गांव में बिना मिट्टी के केसर उगाने में सफलता मिली है। इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी (आईएचटी) ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से इसे उगाया है। इस विधि में पौधों को पारंपरिक मिट्टी के बजाय एक विशेष माध्यम से उगाया जाता है। पौधों को पोषक तत्व देने के लिए ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में केसर के कंदों को एक नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण में उगाया गया। यह वातावरण विशेष रूप से तैयार मृदा रहित माध्यम में रखा गया, जो पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इस तकनीक में पौधे मिट्टी से संबंधित बीमारियों से मुक्त रहते हैं और उनकी वृद्धि बेहतर होती है। किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता या उर्वरक क्षमता की चिंता भी नहीं करनी पड़ती।

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