sarva pitru amavasya 2024 surya grahan effects on shradh सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें क्या कर सकेंगे श्राद्ध, तर्पण, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़
8 अप्रैल 2024 को साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ा था। यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी खास था कि यह पूर्ण ग्रहण था और कुछ मिनटों के लिए पृथ्वी पर पूरी तरह से अंधकार छा गया था। इस साल में दो सूर्य ग्रहण हैं और दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर में लगने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य आचार्य अशोक पांडे ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का यह दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन हिंदू कैलेंडर में अश्विन मास की अमावस्या तिथि है। इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। यह पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध किया जाता है, यानी जिन पितरों की पुण्यतिथि परिवारीजनों को याद नहीं है या जिनका श्राद्ध पितृपक्ष के 15 दिनों में न किया गया हो, उनका श्राद्ध व तर्पण इसी दिन किया जाता है। अपने पितरों का अमावस्या को श्राद्ध दान करने से पितर दोष से मुक्त हो जाते हैं। पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।
सूर्य ग्रहण का समय-
भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर पूरा होगा। यानी यह वलयाकार सूर्य ग्रहण करीब 6 घंटे 4 मिनट चलेगा।
क्या कर सकेंगे श्राद्ध, तर्पण- यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारत में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस दिन श्राद्ध, तर्पण किया जा सकता है। इस सूर्य ग्रहण का किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों में कोई प्रभाव नहीं पडे़गा।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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