मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) के लिए साइबर सुरक्षा से संबंधित नियमों को सख्त बना दिया.
नई दिल्ली. मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) के लिए साइबर सिक्योरिटी से संबंधित नियमों को सख्त बनाया है. सेबी ने एमआईआई के लिए किसी भी वित्त वर्ष में कम से दो बार विस्तृत साइबर ऑडिट जरूरी कर दिया है. साथ ही, एमआईआई के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को सेबी की ओर से साइबर सिक्योरिटी को लेकर जारी सभी सर्कुलर और एडवाइज के पालन को लेकर डिक्लेरेशन जमा कराने का निर्देश दिया गया है.
दुनियाभर में साइबर सिक्योरिटी एक बड़ा मुद्दा है. डेटा उल्लंघनों, फोन हैक, फिसिंग आदि विश्वस्तर पर बढ़ रहे हैं. पिछले साल ही सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CSDL) को 10 दिनों के भीतर दो बार डेटा में सेंधमारी का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही यह पता चला कि करीब चार करोड़ भारतीयों के डेटा लीक हो गया है. मार्केट रेगुलेटर ने यह कदम साइबर हमले के बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया है.
अहम एसेट को क्लासीफाइड करेंसेबी ने एमआईआई को ताजा सर्कुलर के प्रोविजन के क्रियान्वयन की स्थिति पर जानकारी देने के लिए कहा है. सेबी ने यह पिछले 10 दिन में साइबर सिक्योरिटी को लेकर जारी किया है. एमआईआई, स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज की तरह अहम संस्थान है. ये पूंजी बाजार के स्तंभ हैं. आउटलुक के मुताबिक, सेबी ने कहा कि एमआईआई को बिजनेस ऑपरेशन, सर्विस और डेटा मैनेजमेंट के लिए उनकी संवेदनशीलता और महत्ता के आधार पर महत्वपूर्ण एसेट की पहचान और क्लासीफाइड करना चाहिए.
ये संस्थाएं शामिलमार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन में एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरी जैसी संस्थाएं शामिल होती हैं. सेबी ने कहा है कि एमआईआई को अपने हार्डवेयर और सिस्टम, सॉफ्टवेयर और इन्फोर्मेशन एजेट (इंटरनल और एक्सटर्नल) के साथ अपने नेटवर्क संसाधनों का विवरण, अपने नेटवर्क से कनेक्शन आदि की अप-टू-डेट लिस्ट बनाए रखनी चाहिए.
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