Shahdol If Cs Is Not Removed Within A Week, Gongpa Took A Dig At Cm House And Warned – Madhya Pradesh News

धरना प्रदर्शन में लोगों को संबोधित करते पदाधिकारी
शहडोल जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन को एक सप्ताह के भीतर पद से हटाकर उनके खिलाफ जांच कराई जाए,अन्यथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा भोपाल जाकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। ऐसी चेतावनी देते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा टेक्निकल ग्राउंड में विशाल जनसभा आयोजित की गई। इसके बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कमिश्नर को सौंपा गया।
इसके माध्यम से जिला प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर सिविल सर्जन को अगर पद से हटाकर उन पर लगाए जा रहे आरोपों की न्यायिक जांच नहीं कराई जाती तो गोंगपा राजधानी भोपाल में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी। इसलिए शीघ्र ही हमारे ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन के खिलाफ जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाए।
बता दें कि गोंगपा द्वारा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप हैं कि कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में कई वर्षों से पदस्थ भ्रष्ट सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार द्वारा महिला चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अपनी बुरी मंशा के लिए प्रताड़ना दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इनके द्वारा जिला चिकित्सालय के तमाम मदों में खुला भ्रष्टाचार किया जा रहा है। महिला दंत चिकित्सक के साथ सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार द्वारा अभद्रता, प्रताड़ना की गई थी, जिसकी निष्पक्ष जांच होने तक इन्हे सिविल सर्जन पद से अन्य जगह हटाकर जांच करने की मांग की गई थी। किंतु कर्मचारियों पर दबाव डालकर पीड़ित महिला चिकित्सक के विरुद्ध ही रिपोर्ट बनाकर उन्हें न्याय देने की जगह यहां से हटा दिया गया, जो बेहद आश्चर्यजनक एवं महिला सुरक्षा से जुड़ी गंभीर घटना है। वहीं एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने भी सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार पर गंभीर आरोप लगाए किंतु लेकिन कार्यवाही के बजाए पीड़ित महिला के पतिको ही निलंबित करा दिया गया।
सीएस की डिग्री व नियुक्ति पर भी खड़े किए सवाल
गोंगपा द्वारा सिविल सर्जन डॉक्टर परिहार की डिग्री को लेकर भी सवाल उठाए। आरोप लगाया गया कि वह सांठगांठ कर दंत विशेषज्ञ बने हैं क्योकि कोई भी डॉक्टर ग्रेजुएट डिग्री करने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं बन सकता। परंतु डॉक्टर जीएस परिहार ने दांतों की ग्रेजुएशन डिग्री बीडीएस की है तो फिर बगैर एमडीएस डिग्री के दंत विशेषज्ञ कैसे हो सकते हैं। दूसरा बिंदु यदि यह भी मान लिया जाय कि इनको 2016 में इन्हें विशेषज्ञ का दर्जा दे भी दिया गया है तो सिविल सर्जन के लिए पदोन्नति कैसे हो गए। जबकि सिविल सर्जन की डीपीसी में 2012 बैच के विशेषज्ञ के बाद के किसी भी विशेषज्ञ को सिविल सर्जनन नहीं बनाया गया है। तो इनका नंबर एकदम 2016 के मेरिट लिस्ट में कैसे आ सकता है। बहरहाल यह सारे आरोप जांच का विषय है। सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोप निराधार ह।

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