Shahdol Sp Innovation, Awareness Every Day By Connecting More Than 1.25 Lakh People To The Whatsapp Group. – Madhya Pradesh News
अब तक बनाए गए 524 व्हाट्सएप ग्रुप
एसपी रामजी श्रीवास्तव के निर्देश के बाद जिले के 15 थानों और तीन पुलिस चौकियों द्वारा अब तक 524 ग्रुप बनाए जा चुके हैं। इन ग्रुपों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, 256 मोबाइल नंबरों वाले इन ग्रुपों में संभ्रांतजनों को जोड़ा जा रहा है। पुलिस अपने थाना और चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों का एक अलग व्हाट्सएप ग्रुप बना रही है। अब तक बनाए गए ग्रुपों के माध्यम से 1.25 लाख से ज्यादा लोग पुलिस के इस नवाचार से जुड़ चुके हैं। एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों को जोड़ने का यह प्रयास लगातार जारी है।
हर व्हाट्सएप ग्रुप में जिम्मेदार एडमिन
हर व्हाट्सएप ग्रुप में एडमिन के तौर पर बीट प्रभारी से लेकर थाना प्रभारी तक जुड़े हैं। इनके साथ खुद पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव भी इन ग्रुपों से न केवल जुड़े हुए हैं, बल्कि विभिन्न सूचनाएं और जागरूकता संबंधी वीडियो तथा जानकारी ग्रुपों में साझा कर रहे हैं।
साइबर फ्रॉड से निपटने का उपाय
पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर फ्रॉड इन दिनों सबसे बड़ी समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए आमजनों में जागरूकता लाना सबसे जरूरी है। बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुपों में प्रतिदिन एक या उससे अधिक जागरूकता संबंधी वीडियो डाले जा रहे हैं, जिन्हें लोग अपने स्थानीय ग्रुप में भी साझा कर रहे हैं।
सड़क दुर्घटनाओं से बचाव का प्रयास
एसपी ने बताया कि इन व्हाट्सएप ग्रुपों का उपयोग सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए भी किया जा रहा है। दुर्घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है, यातायात नियमों का पालन कैसे करें और आपातकालीन स्थिति में किस तरह मदद करें, इस संदर्भ में वीडियो और जानकारी आमजन तक पहुंचाई जा रही है।
सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान
एसपी रामजी ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से जिले में होने वाली दुर्घटनाओं में अज्ञात व्यक्तियों और मृत व्यक्तियों की पहचान करने में काफी मदद मिल रही है। साइबर और अन्य फ्रॉड से जुड़े व्यक्तियों के संदर्भ में उनके फोटो भी साझा किए जा रहे हैं। बीट प्रभारी से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक के नंबर ग्रुप में साझा किए गए हैं, जिससे छोटी-छोटी घटनाओं और अपराधों से जुड़ी सूचनाएं आसानी से मिलने लगी हैं।
फरियादियों से सीधा संवाद
गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने जब शहडोल की कमान संभाली थी, तब उन्होंने अपने कार्यालय में एक रजिस्टर रखवाया था। आने वाले हर फरियादी का नाम, पता और मोबाइल नंबर उसमें दर्ज करवाया गया। जिन फरियादियों से वह स्वयं नहीं मिल पाते थे, उनसे बाद में फोन पर चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनते और समाधान करवाते थे।

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