
भगत सिंह
23 मार्च 1931 के दिन भगत सिंह, शिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर जैसे क्रांतिकारियों ने अपने देश के लिए मुस्कुराते हुए मौत को गले लगा लिया था। भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के विचार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। इन तीनों के क्रांतिकारी विचार अमर हैं। 23 मार्च यानी शहीद दिवस के दिन हम आपको भगत सिंह के कुछ क्रांतिकारी विचारों के बारे में बताएंगे।
-
भगत सिंह ने कहा था, बम और पिस्तौल क्रांति नहीं करते। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है।
-
क्रांतिकारी भगत सिंह कहते थे, मैं जीवन में महत्वाकांक्षा, आशा और आकर्षण से भरा हुआ हूं, लेकिन मैं जरूरत के समय सब कुछ त्याग सकता हूं।
-
भगत सिंह ने कहा था, मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है। भगत सिंह के इस विचार ने उस दौर के कई लोगों के दिलों में आजादी की लड़ाई लड़ने का जोश जगाया था।
-
भगत सिंह कहते थे, वो मुझे मार सकते हैं, लेकिन वो मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वो मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वो मेरी आत्मा को कुचल नहीं सकते। भगत सिंह के इस विचार से उनकी क्रांतिकारी सोच की गहराई के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है।
-
भगत सिंह ने कहा था, अगर बेहरों को सुनाना है तो आवाज बहुत तेज होनी चाहिए।
-
क्रांतिकारी भगत सिंह कहते थे, राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है। भगत सिंह के इस विचार से आप भी कभी न हार मानने की सीख ले सकते हैं।
-
भगत सिंह ने कहा था, जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है, उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।
-
भगत सिंह कहते थे, जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
