Sharad Pawar says Can not join hands with those who not believe in parliamentary democracy – India Hindi News
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण खतरे में है और वह उन लोगों से हाथ नहीं मिलाएंगे जो इसमें विश्वास नहीं करते हैं। पवार का यह बयान तब आया है जब प्रधानमंत्री ने एनएसपी और शिवसेना (यूबीटी) को लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में विलय कर अपना अस्तित्व मिटाने के बजाय क्रमश: अजित पवार व एकनाथ शिंदे के साथ हाथ मिला लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट राय है कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री मोदी के कारण खतरे में है।
शरद पवार ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया। यह केंद्र सरकार और केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका के बगैर संभव नहीं था। यह दर्शाता है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रणाली में कितना विश्वास है।’ पवार ने कहा कि वह ऐसे किसी व्यक्ति, पार्टी या विचारधारा से हाथ नहीं मिला सकते जो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कि देश में एकता बनाये रखने के लिए सभी धर्मों को साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
वैमनस्य फैलाने वाले भाषण: शरद पवार
एनसीपी चीफ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के हाल के भाषण विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने लायक हैं जो देश के लिए खतरनाक है। जहां भी चीजें देश के हित में नहीं होगी, वहां न मैं और न ही मेरे सहयोगी कदम रखेंगे।’ पवार ने दावा किया कि जनमत धीरे-धीरे मोदी की विचारधारा के खिलाफ बदलने लगा है, यही कारण है कि वह बदहवास नजर आते हैं और उनके बयानों में व्याकुलता दिखती है। एनएसपी प्रमुख से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान के बारे में पूछा गया कि वे मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म कर देंगे और अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ा देंगे। इसे लेकर पवार ने कहा कि वे इन समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सत्ता में बैठा एक व्यक्ति किसी खास समुदाय के खिलाफ कैसे एक रुख अपना सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) को नकली बताने पर क्या कहा
शरद पवार ने कहा, ‘देश की बागडोर संभालने वाला व्यक्ति अगर एक खास समुदाय, धर्म या भाषा का पक्ष लेने लगे तो देश की एकता खतरे में पड़ जाएगी। यह प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के अन्य सहयोगियों पर लागू होता है।’ उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में मोदी के हाल के भाषण प्रधानमंत्री के पद के अनुकूल नहीं है जो एक संस्थान है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) को प्रधानमंत्री की ओर से नकली बताया जाना उपयुक्त नहीं है। महाराष्ट्र के नंदुरबार में इससे पहले रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने पवार का नाम लिए बगैर कहा था कि डुप्लीकेट NCP और शिवसेना ने 4 जून के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में विलय कर लेने का मन बना लिया है, लेकिन उन्हें ऐसा करने के बजाय अजित पवार व एकनाथ शिंदे से हाथ मिला लेना चाहिए।

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