Shardiya Navratri 2024 Date and time and maa ke nine roop शारदीय नवरात्र 2024:मार्कंडेय पुराण में है देवी के नौ रूपों का उल्लेख, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़
अश्विनी कृष्म पक्ष की अमावस्या के बाद अगले दिन प्रतिपदा से नवरात्र पर्व शुरू हो रहा है। इस साल 3 अक्टूबर से नवरात्र पर्व शुरू किया जा रहा है। इस साल भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के व्रत रखेंगे। इस दिन श्रद्धा के अनुसार पूजा पाठ किया जाता है। माता के नौ दिनों के व्रत में माता की नौ रूपों की पूजा की जाती है। माता को उनके अनुसार अलग-अलग दिन भोग लगाते हैं और उनके मंत्र पढ़ते हैं। कहा जाता है कि मां के नौ रूपों में अलग-अलग शक्ति है। नवरात्रि के नौ स्वरूपों के बारे में मार्कंडेय पुराण में बताया गया है। इस पुराण के देवी कवच में लिखा है- नवदुर्गा में पहली देवी शैलपुत्री हैं। दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवीं स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं देवी सिद्धिदात्री हैं।
प्रथम शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेती कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से घट स्थापना के साथ नवरात्रि शुरू हो रही हैं, जो 12 अक्टूबर तक चलेंगी। घट स्थापना के लिए 11.25 का समय भी शुभ माना जा रहा है। इस बार नवरात्र पर हस्त नक्षत्र का योग है। नवरात्र की अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर इस बार कंफ्यूजन है। कुछ लोग 10 तारीख को अष्टमी करेंगे और कुछ लोग 11 को अष्टमी और 12 को नवमी कन्या पूजन करेंगे। 12 अक्टूबर को शाम को दशहरा मनेगा। इस साल शक्ति पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे। इस साल देवी का वाहन पालकी है, जो शुभ नहीं मानी जाती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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