पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस क्या है? कैसे शुरू करें, लाभ, जोखिम, फायदा, इन्वेस्टमेंट, रजिस्ट्रेशन, प्लान, निवेश, नियम, सब्सिडी ( Poultry farming business idea, how to start, business plan, profit, investment, regration )
अगर कोई व्यक्ति पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस चालू करना चाहता है तो वह गवर्नमेंट की विभिन्न लोन योजना का फायदा प्राप्त करके पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस स्टार्ट कर सकता है, जिसके अंतर्गत उसे दो ऑप्शन प्राप्त होते हैं या तो वह मुर्गियों को बड़ा करके उन्हें बेचे या फिर वह मुर्गियों के अंडे को बेचे।
नॉन वेजिटेरियन की बढ़ती संख्या को देखते हुए पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस प्रॉफिटेबल बिजनेस माना जा सकता है। हालांकि पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए “पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस क्या है” इसके बारे में पूरी जानकारी व्यक्ति को होनी चाहिए, तभी वह पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में सफलता प्राप्त करेगा।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस क्या है?
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को हिंदी में मुर्गी पालन व्यवसाय कहा जाता है, जोकि एग्रीकल्चर से संबंधित बिजनेस माना जाता है। इस बिज़नेस में आपको दो प्रकार के ऑप्शन मिलते हैं, जिसमें पहले ऑप्शन में आप चाहे तो मुर्गियों के अंडे को बेच सकते हैं या फिर दूसरे विकल्प में आप मुर्गियों को बड़ा करके उनके मीट को बेच सकते हैं।
अगर आप मुर्गियों के अंडे को बेचने का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसे लेयर फार्मिंग कहा जाएगा और अगर आप मुर्गियों को पाल करके उसके मीट को बेचने का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसे ब्रायलर फार्मिंग कहा जाएगा।
ब्रायलर फार्मिंग आजकल अधिक चलन में है क्योंकि वेंकी, शालीमार, ग्रेविटी, सुप्रीम, आईबी जैसी कंपनियां फार्मर के साथ मिलकर के ब्रायलर फार्मिंग कर रही हैं, वही कुछ ऐसी भी कंपनी है जो किसानों के साथ मिलकर के लेयर फार्मिंग कर रही हैं।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे करें?
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस छोटे एवम बड़े 2 स्तर पर किया जाता है जिसमे और यह व्यक्ति के ऊपर डिपेंड करता है कि वह कौन से लेवल पर इस बिजनेस को स्टार्ट करना चाहता है। छोटे लेवल पर कम इन्वेस्टमेंट लगेगा और बड़े लेवल पर मुर्गी फार्मिंग बिजनेस करने पर अधिक इन्वेस्टमेंट लगेगा। हालांकि जिस प्रकार से मार्केट में अंडे और मांस की डिमांड है उस प्रकार से देखा जाए तो इस बिजनेस में काफी बढ़िया प्रॉफिट व्यक्ति को प्राप्त हो सकता है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस स्टार्ट करने के लिए व्यक्ति के पास पैसे के अलावा इस बिजनेस को करने का एक्सपीरियंस भी होना चाहिए, साथ ही उसके पास मुर्गी फार्मिंग बिजनेस की जानकारी भी होनी चाहिए। खैर अगर आप “पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे किया जाता है” इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आपको नीचे मुर्गी फार्म बिजनेस की डिटेल्स दी गई है।
1: योजना बनाए
जब बिजनेस की योजना बनाई जाती है, तब बिजनेस में लगने वाला फंड, बिजनेस के लिए लगने वाली जमीन और बिजनेस में जो उपकरण इस्तेमाल में आने वाले हैं, उन सभी बातों का सही ढंग से शांत दिमाग से एनालिसिस किया जाता है। इस प्रकार मुर्गी फार्म बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए आपको सबसे पहले पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस की योजना के बारे में जानकारी हासिल करनी है अथवा योजना बनानी है।
इसके लिए आपको फंड से लेकर के मार्केट का भी सही प्रकार से एनालिसिस करना है, साथ ही आपको बिजनेस योजना में इस बात को भी शामिल करना है कि आप स्टार्टिंग में पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस छोटे लेवल पर करना चाहते हैं या फिर बड़े लेवल पर क्योंकि बिजनेस के स्तर के हिसाब से ही उसमें लगने वाला फंड या उपकरण कम होगा या बढ़ेगा।
2: पैसे की व्यवस्था करें
मुर्गी फार्मिंग बिजनेस की योजना तैयार करने के पश्चात आपको इतना अंदाजा आ ही जाता है कि इस बिजनेस को स्टार्ट करने में आपको कितने पैसे लगाने पड़ेंगे। हमारा कहने का मतलब है कि पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए कितना फंड आपको इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। इसलिए आवश्यकता के हिसाब से जितना फंड इस बिजनेस में लगता हो, आपको उससे थोड़ा सा अधिक फंड इकट्ठा करना है, क्योंकि कभी-कभी जाने अनजाने में अनचाहे खर्चे आ जाते हैं। ऐसे में अगर आप फंड को पहले से ही बढा करके रखेंगे तो आप उन खर्चे को कवर कर सकेंगे।
अगर आपने पहले से ही बिजनेस में लगने वाले पैसे की व्यवस्था की है तो ठीक है परंतु अगर आपके पास पैसे नहीं है या फिर आपके पास फंड कम पड़ रहा है, तो आप बैंक से लोन लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं, परंतु याद रखें कि जिस बैंक में ब्याज दर कम हो, उसी बैंक में लोन लेने के लिए अप्लाई करें।
3: जमीन का चयन करें!
जब पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को स्टार्ट किया जाता है तब पोल्ट्री फार्म ऐसी जगह पर बनाया जाता है जो जगह ऊंची जगह पर स्थित होती है क्योंकि बरसात के मौसम में अगर पोल्ट्री फार्म नीची जगह पर होगा तो उसमें पानी भरने की संभावना काफी अधिक होती है, जिससे मुर्गी के बच्चों को भी नुकसान होता है साथ ही पोल्ट्री फार्म को भी नुकसान होता है। इसलिए आपको ऐसी जगह का चयन करना चाहिए जो जमीन से थोड़ी ऊंची हो।
इसके अलावा पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस आबादी के आसपास में नहीं खोला जाता है बल्कि इसे आबादी से कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी पर खोला जाता है, क्योंकि मुर्गी फार्म के बिजनेस में जब फार्म के अंदर मुर्गी के बच्चे डाले जाते हैं तब काफी बदबू पैदा होती है। ऐसे में यह बदबू आबादी वाले इलाके में ना फैलें, इसके लिए पोल्ट्री फार्म एकांत जगह में ओपन किया जाता है। हालांकि आप जहां कहीं भी इस बिजनेस को चालू करें वहां पर पीने की पानी की उचित व्यवस्था हो, इसका भी ख्याल रखें साथ ही वहां पर मुर्गियों को लाने और ले जाने के लिए गाड़ी आ जा सके इसका भी ख्याल रखें।
4: छप्पर और साधन की व्यवस्था करें!
पोल्ट्री फार्म ओपन करने के लिए अगर आपके पास आवश्यक फंड उपलब्ध हो गया है, तो आपको मुर्गियों के बच्चों को पालने के लिए शेडिंग और दूसरे जरूरी साधन खरीदने पड़ेंगे। वर्तमान के समय में अधिकतर लोग सीमेंट की चद्दर पोल्ट्री फार्म को ऊपर से छाने के लिए इस्तेमाल में लेते हैं, जिनकी कीमत हर राज्य में अलग-अलग होती है।
इसके अलावा अन्य साधन के तौर पर आपको लोहे की लंबी लंबी पाइपों की आवश्यकता होती है, साथ ही लोहे की खड़ी पाइपों की भी आवश्यकता होती है, जिसका इस्तेमाल पोल्ट्री फार्म स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए होता है और स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने के पश्चात उसके ऊपर सीमेंट की चद्दर छाई जाती है।
इसके साथ ही पीने के पानी की टंकी भी ऊपर की साइड में बगल में रखी जाती है और फिर उस टंकी से पाइप को जॉइंट करके पोल्ट्री फार्म में लगाई जाती है और उसमें से मुर्गी के बच्चों को पीने के लिए पानी बर्तन में दिया जाता है।
इस बिज़नेस में आपको मुर्गियों को दाना पानी देने के लिए बर्तन, सीमेंट की चद्दर, लोहे की लंबी और खड़ी पाईप, गुड़ाई करने के लिए फावड़ा, सफाई करने के लिए चुना, जनरेटर, पानी सप्लाई हेतु प्लास्टिक की पाइप, टेंपरेचर नापने के लिए टेंपरेचर मीटर, बच्चों को रखने के लिए भूसी, दवा छिड़कने की मशीन जैसी चीजों की आवश्यकता पड़ेगी। इन सभी चीजों को आप लोकल दुकानों से खरीद सकते हैं या फिर इनमें से कुछ चीजें आप ऑनलाइन मंगा सकते हैं।
5: मुर्गियों का चयन करें
पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में सफल होने के लिए यह भी आवश्यक है कि आप इस बात का भी निर्णय लें कि आप पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में मुर्गियों को बड़ा करके उनके मांस को बेचना चाहते हैं या फिर आप मुर्गियों को बड़ा करके उनके अंडे को बेचना चाहते हैं। अगर आप मुर्गियों के अंडे को बेचना चाहते हैं तो आपको लेयर मुर्गी फार्मिंग करनी पड़ेगी और अगर आप मुर्गियों के मांस को बेचना चाहते हैं तो आपको ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करनी पड़ेगी।
ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करने के लिए आप शालीमार, ग्रेविटी, वेंकी, सुप्रीम जैसी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं और अगर आप लेयर मुर्गी फार्मिंग करना चाहते हैं, तो आप खुद से ही बच्चे खरीद करके मुर्गी फार्म में डाल सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करता है तो सामान्य तौर पर मुर्गियां 35 दिन के आसपास में सही वजन प्राप्त कर लेती हैं।
6: बिजनेस के लिए मार्केट ढूंढे
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए मुर्गियों का सिलेक्शन कर लेने के पश्चात आपको मुर्गियों के मांस को बेचने के लिए या फिर मुर्गियों के अंडे को बेचने के लिए मार्केट ढूंढने की आवश्यकता है।
इसके लिए आपको सबसे पहले तो अपने आसपास में स्थित ऐसे लोगों से संपर्क करना चाहिए, जो मुर्गियों के अंडे बेचने का काम करते हैं या फिर जो मुर्गियों के मांस को बेचने का काम करते हैं। आप लोकल लेवल पर उन्हें अपनी चीजें सप्लाई कर सकते हैं और अगर लोकल लेवल पर ही आपका माल बिक जाता है तो परिवहन का जो खर्चा होता है, वह काफी कम हो जाता है।
इसके अलावा आपको नॉनवेज होटलों से भी संपर्क करना है और वहां से भी डील पक्की करनी है। ऐसा करने पर आप मुर्गियों के मांस या फिर मुर्गियों के अंडे को होटल में भी सप्लाई कर सकते हैं, साथ ही इसी प्रकार से आपको छोटे-छोटे रेस्टोरेंट, छोटे-छोटे लारी वाले, छोटे-छोटे नॉन वेजिटेरियन दुकान वालों के साथ संपर्क स्थापित करना है और उन्हें अपने माल को लेने के लिए मनाना है।
अगर आपका पोल्ट्री फार्म बिजनेस बड़े लेवल का है तो आप शहरों में भी मुर्गियों के मांस को या फिर मुर्गियों के अंडे को सप्लाई करने का प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए आपको शहरों में मौजूद मुर्गियों के अंडे या फिर मुर्गियों के मांस के डीलर से संपर्क करना है।
अगर आप किसी कंपनी के साथ जुड़कर के ब्रायलर फार्मिंग कर रहे हैं तो आपको मुर्गियों को बेचने के लिए कुछ भी नहीं करना है क्योंकि तैयार मुर्गिया खुद ही कंपनी आपसे लेती है और फिर वह आगे मुर्गियों को बेच करके उसकी जो भी पेमेंट होती है, वह आपको आपके बैंक अकाउंट में देती है।
7: हिसाब रखें
अक्सर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में यह देखा जाता है कि कभी-कभी मुर्गियों को कोई ना कोई बीमारी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। ऐसे में आपको बीमारियों से मुर्गियों को बचाने के लिए उन्हें संबंधित दवाइयां देनी पड़ती है, जो कि अनचाहे खर्चे होते हैं। इसीलिए आपको पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में लगने वाले सभी खर्चों का हिसाब करने के लिए एक डायरी बना करके रखनी चाहिए।
अगर आपको कंप्यूटर चलाना आता है तो आप कंप्यूटर में भी बिजनेस से संबंधित सभी प्रकार के खर्चे को दैनिक तौर पर अपलोड कर सकते हैं, ताकि जब आप सारे अंडे को बेच चुके हो या फिर सारी मुर्गियों को बेच चुके हो, तब आपको यह पता रहे कि आपको उस राउंड में कितना प्रॉफिट हुआ है या फिर कितना घाटा हुआ है और आपने उस राउंड में कितने पैसे लगाए हैं। इससे आप अगले राउंड में सुधार कर सकेंगे।
8: लोकल नियमों का पालन करें
पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस कृषि से संबंधित बिजनेस होता है। इसलिए आपको कुछ जरूरी नियमों का पालन इसमें अवश्य करना होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को आप आबादी वाले क्षेत्र में नहीं कर सकते हैं। इसके लिए एकांत जगह की आवश्यकता होती है।
इसलिए कहा जाता है कि आबादी वाले क्षेत्र से कम से कम 500 मीटर या फिर 1 किलोमीटर की दूरी पर किसी एकांत जगह में पोल्ट्री फार्म बनाया जा सकता है। इसके अलावा आपको स्वास्थ्य विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना होता है। हालांकि कुछ कंडीशन में आबादी वाले इलाके के पास में भी पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस चालू किया जा सकता है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में इन्वेस्टमेंट Investment
छोटे लेवल पर अगर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को स्टार्ट किया जाता है तो इसके लिए तकरीबन ₹80000 से लेकर के डेढ़ लाख रुपए तक का इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता पड़ेगी, जिसमें पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को करने के लिए जरूरी सामान आ जाएंगे, साथ ही अगर आप कंपनी के साथ नहीं जुड़े हुए हैं तो बच्चे भी इसी कीमत में आ जाएंगे।
वहीं अगर बड़े लेवल पर बिजनेस को चालू किया जाता है तो उसमें तकरीबन ₹7,00000 से लेकर के ₹8,00000 तक का खर्च आ सकता है। ₹7 लाख से लेकर ₹8 लाख तक के खर्चे में आप अपने पोल्ट्री फार्म में तकरीबन 4000 मुर्गियों के बच्चों को पाल सकते हैं। इस प्रकार से हमने आपको इसमें लगने वाले खर्चे के बारे में अपना अंदाज बताया है। यह खर्चे अधिक भी हो सकते हैं या फिर कम भी हो सकते हैं।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में फायदा Benefits
अगर आप ब्रायलर फार्मिंग कर रहे हैं यानी कि मुर्गियों के बच्चे को पाल करके उसे उस कंपनी को दे रहे हैं जिस कंपनी के साथ आपने पार्टनरशिप की है, तो आपको कितना प्रॉफिट मिल जाएगा, यह सभी मुर्गियों के वजन के ऊपर डिपेंड करता है। मार्केट में मुर्गियों के मीट का दाम समय-समय पर कम या फिर अधिक होता रहता है।
ऐसे में आपको सटीक तौर पर हम यह नहीं बता सकते हैं कि इसके द्वारा आप को कितना फायदा प्राप्त होगा। जब आप इस धंधे में आएंगे तभी आपको पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में फायदे के बारे में सही जानकारी हासिल होगी। यही कंडीशन मुर्गियों के अंडे के बिजनेस पर भी लागू होती है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में जोखिम
इस बिजनेस में मुर्गियों के बच्चे को कोई ना कोई बीमारी हो जाती है। सामान्य तौर पर उन्हें सर्दी खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती है और मुर्गियों के बच्चे काफी कोमल होते हैं, ऐसे में समय रहते उनकी देखभाल नहीं की जाती है तो उनकी मौत भी होने लगती है। इसके अलावा मुर्गियों के बच्चे अगर छोटे हैं तो वह ज्यादा तेज आवाज को सहन नहीं कर पाते हैं।
ज्यादा तेज आवाज आने पर उनकी मौत हार्ट अटैक से हो जाती है, साथ ही कभी-कभी अत्याधिक गर्मी की वजह से भी छोटे मुर्गियों के बच्चे तो मर ही जाते हैं, साथ ही बड़ी मुर्गियों के बच्चे भी मर जाते हैं।
इस प्रकार इसे कच्चा धंधा भी कहा जाता है, साथ ही ठंडी में मुर्गियों के बच्चे को ठंड से बचाने के लिए इन्हें गर्मी देनी पड़ती है वहीं गर्मियों के मौसम में इन्हे गर्मी से बचाने के लिए हवा देनी पड़ती है। इस प्रकार इसमें काफी अधिक परेशानी होती है। हालांकि सभी को इन परेशानियों का सामना करना पड़े यह आवश्यक नहीं है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग
अगर आपने कंपनी के साथ जुड़ करके इस बिजनेस को चालू किया है, तो आपको मार्केटिंग करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है परंतु आप अगर व्यक्तिगत तौर पर इस बिजनेस को कर रहे हैं, तो आपको कस्टमर बनाने के लिए अपने बिजनेस की मार्केटिंग करनी पड़ेगी।
इसके लिए आप चाहे अखबारों में एडवर्टाइजमेंट दे सकते हैं या फिर अपने जान पहचान के लोगों को अपने बिजनेस के बारे में बता सकते हैं।
इसके अलावा मीट या फिर अंडे का कारोबार करने वाले लोगों को भी आप अपने बिजनेस के बारे में बता सकते हैं, साथ ही आप छोटे-छोटे पर्चे प्रिंट करवा कर के दुकानों में बांट सकते हैं या फिर आप छोटे-मोटे बैनर बना करके भी अपने इलाके के आसपास व्यस्त चौराहे पर लगवा सकते हैं। ऐसा करने पर अधिक से अधिक लोग आपके मुर्गी फार्मिंग बिजनेस के बारे में जानेंगे, जिससे आप के ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए स्टाफ
सामान्य तौर पर हमने देखा है कि इस बिजनेस को करने के लिए 2 लोग अधिक होते हैं अर्थात इस बिजनेस में काम करने के लिए आप 2 लोगों को लगा सकते हैं। अगर आप खुद ही इस बिजनेस को फुल टाइम करना चाहते हैं तो आपको अपने साथ एक हेल्पर को रखने की आवश्यकता पड़ेगी।
सामान्य तौर पर इस बिजनेस में मुर्गियों के बच्चों को समय पर दाना और पानी देना होता है, साथ ही समय-समय पर पोल्ट्री फार्म के अंदर साफ सफाई करनी पड़ती है। यही इस बिजनेस में मुख्य काम होते हैं। इस प्रकार से 2 लोग इस बिजनेस को संभालने के लिए काफी होते हैं।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन Poultry Farming Business Regration
आपको अपने इस बिजनेस को एमएसएमई मे रजिस्टर करवाना है। इसके लिए आप http://udyogaadhar.gov.in वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं और आवश्यक प्रक्रिया करके अपने मुर्गी फार्म बिजनेस को इसमें पंजीकृत करवा सकते हैं।
इसके अलावा इस बिजनेस को करने के लिए आपको स्वास्थ्य विभाग से अथवा एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से एनओसी भी लेनी होती है, साथ ही आपको जरूरी दस्तावेज भी तब सबमिट करने पड़ते हैं जब आप इस बिजनेस को किसी कंपनी के साथ जॉइंट हो करके करते हैं। इसके अलावा इस बिजनेस को करने के लिए आपको कमर्शियल बिजली कनेक्शन भी लेना होता है।
FAQ:
Q: पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को हिंदी में क्या कहते हैं?
ANS: मुर्गी पालन व्यवसाय
Q: ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कौन सी कंपनी बेस्ट है?
ANS: ग्रेविटी, शालीमार, आईबी, सुप्रीम,VENKY
Q: पोल्ट्री फार्म गांव से कितनी दूरी पर होना चाहिए?
ANS: 500 मीटर या फिर 1 किलोमीटर
Q: मुर्गी पालन कैसे करें?
ANS: पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
Q: Poultry farm business plan क्या है?
ANS: आर्टिकल में बिजनेस प्लान दिया गया है।
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