Sonipat:पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में डेढ़ करोड़ के गबन का आरोपी लेखाकार गिरफ्तार, Stf ने की कार्रवाई – Accountant Arrested For Embezzlement Of One And Half Crore In Post Matric Scholarship Scheme

सोनीपत एसटीएफ की टीम द्वारा गिरफ्तार आरोपी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
हरियाणा के एसटीएफ सोनीपत की टीम ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्कीम में डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोपी जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय के लेखाकार को गिरफ्तार किया है। आरोपी की गिरफ्तारी पर करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपी पानीपत के गांव सिवाह का रहने वाला सुरेंद्र है। पुलिस उसे तीन साल से तलाश कर रही थी। उसे पानीपत से गिरफ्तार करने के बाद पानीपत एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया गया।
डीएसपी एसटीएफ सोनीपत इंदीवर ने बताया कि वर्ष 2015 से 2019 तक पोस्ट मैट्रिक स्कीम के तहत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गबन किया गया था। मामले में अधिकारियों व कर्मचारियों पर मिलीभगत करके छात्रों के खातों में जाने वाली राशि का आधार कार्ड नंबर बदलकर, फर्जी बैंक खाता खुलवा कर गबन करने का आरोप लगा था।
आरोप था कि अधिकारियों ने मिलीभगत कर अनुसूचित जाति के छात्रों के वीएलडीए और एमपीएचडब्ल्यू का डिप्लोमा फ्री में घर बैठे करवाने व छात्रवृत्ति दिलवाने का लालच देकर गबन को अंजाम दिया गया था। कुछ छात्रों व संस्थाओं के माध्यम से अलग-अलग गांवों से अनुसूचित जाति के छात्रों से फार्म भरवाकर उनके आधार कार्डों, मूल प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाणपत्र आदि की फोटो प्रतियां हासिल कर लीं गई थीं।
कुछ छात्रों के आधार नंबरों से छेड़छाड़ करके भी फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। यह स्कीम भारत सरकार की तरफ से जुलाई 1981 में चलाई गई थी। इसके तहत दसवीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को 230 से 1200 रुपये प्रतिमाह तक छात्रवृत्ति तथा नॉन रिफंडेबल फीस दी जाती है।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 160 से 750 रुपये तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति और नॉन रिफंडेबल फीस दी जाती है और वर्ष 2017-18 से ट्यूशन फीस का 25 प्रतिशत या पांच हजार रुपये दिया जाता है। यह स्कीम 2015 से पहले मैनुअल चलाई जा रही थी, लेकिन 2015-16 में इसे ऑनलाइन कर दिया गया था।
इस मामले में डेढ़ करोड़ रुपये के गबन का आरोपी एवं 25 हजार का इनामी सुरेंद्र कुमार तीन साल से पुलिस की पकड़ से बाहर था। वह सोनीपत जिला समाज कल्याण विभाग में लेखाकार था। उसे एसटीएफ सोनीपत की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वर्ष 2020 में दर्ज मुकदमे में 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। उसे पानीपत से गिरफ्तार करने के बाद पानीपत एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया गया है।
पानीपत व आसपास के क्षेत्र में छिपकर रहा था आरोपी
आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि वह पानीपत और आसपास के क्षेत्र में छिपकर रहता था। वह लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता था, जिससे पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था। अब एसटीएफ सोनीपत ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इन मामलों में नामजद है आरोपी सुरेंद्र
आरोपी सुरेंद्र के खिलाफ करप्शन ब्यूरो रोहतक में वर्ष 2019 में भादंसं की धारा 218, 409, 420, 466, 467, 468, 471, 120बी, 13(1)(सी), 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट और एंटी करप्शन ब्यूरो पंचकूला में वर्ष 2019 में भादंसं की धारा 218, 409, 420, 466, 467, 468, 471, 120बी, 13(1)(सी), 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। इसी प्रकार एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल में वर्ष 2020 में मुकदमा नंबर चार व पांच दोनों भादंसं की धारा 218, 409, 420, 466, 467, 468, 471, 120बी, 13(1)(सी), 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट के तहत केस दर्ज है।

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