Sonipat: उधार दिए रुपये मांगने पर किसान के बेटे का अपहरण, पहले नाबालिग को बंधक बनाकर पीटा – Kidnapping Of Farmer Son For Asking For Loaned Money In Sonipat, First Held Minor Hostage And Beaten

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सोनीपत में मुरथल रोड स्थित विकास नगर निवासी किसान ने अपने छह लाख रुपये उधार मांगने पर बेटे के अपहरण का आरोप लगाया है। इससे पहले रुपये लेने आरोपियों के घर गए दसवीं कक्षा के छात्र को बंधक बनाकर पीटा गया था। बाद में बेटे के खिलाफ झूठी शिकायत पुलिस को दी गई। जब वह सिविल लाइन थाना में तो बाहर आने पर उनके बेटे के अपहरण की धमकी दी गई। उसके दो दिन बाद उनके बेटे बार गए तो उनका अपहरण कर लिया गया। पीडि़त ने मामले की शिकायत डीसीपी व आयुक्त को दी। जिस पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार
मुरथल रोड स्थित विकास नगर निवासी रविंद्र ने पुलिस को बताया कि वह पहले दुग्ध डेयरी चलाते थे। अब वह खेतीबाड़ी करते हैं। उनकी डेयरी से मूलरूप से गांव भौरा फिलहाल कच्चे क्वार्टर निवासी कृष्ण कुमार की डेयरी पर दूध जाता था। उनकी सोनीपत के साथ दिल्ली के नरेला में भी दूध की डेयरी हैं। कारोबारी लेन-देन में उन्हें कृष्ण व अशोक से छह लाख रुपये लेने थे।
उन्होंने जब उनसे अपने रुपये देने को कहा तो उन्होंने 10 जुलाई को रुपया लौटाने की बात कहकर उन्हें घर पर बुलाया था। रविंद्र ने बताया कि वह बाहर गए हुए थे। जिस पर उन्होंने अपने 16 वर्षीय बेटे निशांत को रुपये लेने के लिए भेज दिया था। निशांत गन्नौर स्थित स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र है। आरोपी अशोक व उनके भाई कृष्ण के बेटे मनीष ने निशांत को अपने घर में बंधक बना लिया। उसे पीटा गया और दोबारा रुपया लेने आने पर जान से मारने की धमकी दे दी।
घायल निशांत ने घर पहुंचने पर परिवार के लोगों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बेटे का उपचार कराया। इसी दौरान उनके बेटे के पास सिविल लाइन थाना से कॉल आई कि उसके खिलाफ शिकायत मिली है। वह अपने बेटे को लेकर थाने में पहुंचे। वहां पर उन्हें भौरा गांव निवासी चतरा और मनीष मिले। उन्होंने कहा कि निशांत ने उन्हें जातिगत शब्द कहे हैं। जिस पर घायल निशांत को देखकर और रविंद्र मलिक से सच्चाई का पता लगने पर थाने में मामला सुलटा लिया।
पुलिस ने रविंद्र को कार्रवाई का आश्वासन दिया। रविंद्र का आरोप है कि जब वह थाने से बाहर आए तो चतरा ने उन्हें धमकी दी कि उनकी बदमाशों से पहचान है। वह उसे व उसके बेटे का अपहरण कर मरवा देगा। वह वहां से से आ गए। रविंद्र का आरोप है कि घटना के दो दिन बाद 12 जुलाई की दोपहर को निशांत किसी काम से घर से बाहर गया था। उसके बाद से वह घर नहीं लौटा है। उन्होंने आशंका जताई है कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है।
जल्द कार्रवाई के लिए डीसीपी कार्यालय में दी शिकायत
रविंद्र ने बताया कि मामले की शिकायत डीसीपी कार्यालय में 12 जुलाई को ही दे दी थी। वह चाहते थे कि मामले में जल्द कार्रवाई हो सके। वहां से उनकी शिकायत सिविल लाइन थाना में भेज दी गई। बाद में बताया गया कि मामला सेक्टर-27 थाना का है। इसी बीच वह आयुक्त को शिकायत देने पहुंचे। आयुक्त कार्यालय से डीसीपी कार्यालय में कार्रवाई को कहा गया। जिस पर सेक्टर-27 थाना में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया है।

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