
स्टारलिंक
Starlink भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस को लॉन्च करने के लिए तैयार है। जल्द ही एलन मस्क की कंपनी को सरकार की तरफ से रेगुलेटरी अप्रूवल मिल सकता है। यही नहीं, भारत में स्टारलिंक ने अपने इक्विपमेंट्स बेचने के लिए जियो और एयरटेल के साथ पिछले दिनों साझेदारी की है। भारत के अलावा Starlink कई और देशों में अपने पैर पसारने की तैयारी में है। फिलहाल स्टारलिंक ब्रॉडबैंड की सेवाएं दुनिया के 125 देशों तक पहुंच गई है और उसके 7 मिलयन से ज्यादा यूजर्स भी हैं।
ये चीनी कंपनियां बिगाड़ सकती हैं खेल
स्टारलिंक को आने वाले समय में चीन की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनियां Eutelsat और SpaceSail से कड़ी टक्कर मिल सकती है। ये चीनी कंपनियां फिलहाल ब्राजील, मलेशिया और कजाकिस्तान में एंट्री को तैयार हैं। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक का टारगेट हर साल कम से कम 1 मिलियन नए यूजर्स को जोड़ना है। भारत में सर्विस शुरू होने के बाद कंपनी के इस टारगेट को बड़ा बूस्ट मिल सकता है। हालांकि, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि चीनी कंपनियां स्टारलिंक के लिए नया हर्डल पैदा कर सकती हैं।
भारत में भी स्टारलिंक को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए एयरटेल और जियो के साथ-साथ अमेजन कूपियर और बीएसएनएल की सैटेलाइट सर्विस से चुनौती मिल सकती है। दूरसंचार नियामक जल्द ही सैटेलाइट सर्विसेज के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन कर सकती है। इसके लिए स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से फीडबैक लेने का काम लगभग पूरा हो चुका है।
2022 से है इंतजार
स्टारलिंक अपने SpaceX सैटेलाइट के जरिए ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराता है। धरती के लोअर ऑर्बिट में मौजूद सैटेलाइट के जरिए हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस एक्सेस की जा सकती है। 2022 से ही स्टारलिंक भारत में अपनी सर्विस लॉन्च करने का इंतजार कर रहा है। भारत सरकार द्वारा रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने और स्पेक्ट्रम अलोकेशन के साथ ही स्टारलिंक अपनी सर्विस भारत में लॉन्च कर देगा। एयरटेल और जियो के साथ पार्टनरशिप करने के बाद स्टारलिंक को भारत में रेगुलेटरी अप्रूवल जल्द मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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