परिवारों से चर्चा करते हुए पटवारी ने कहा कि “पेट की मजबूरी में लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर काम करने बाहर जाते हैं। यह सरकार की विफलता है कि उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार नहीं मिल रहा।” उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होते तो लोग जान जोखिम में डालकर ऐसी खतरनाक फैक्ट्री में काम करने गुजरात नहीं जाते।
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जीतू पटवारी ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री ने सहायता की घोषणा की है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हरदा ब्लास्ट के पीड़ित आज भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। कई वर्षों से बीजेपी सत्ता में है, लेकिन फिर भी आज लोग पलायन करने को मजबूर हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संदलपुर यात्रा को लेकर कहा, “शिवराज जी ने आकर परिवारों से मुलाकात की, यह सराहनीय है। लेकिन मुख्यमंत्री को स्वयं यहां आकर संवेदना प्रकट करनी चाहिए थी। 20 से अधिक लोग मारे गए, और मुख्यमंत्री अब तक नहीं आए, यह बेहद असंवेदनशीलता का संकेत है।”
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पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश से बिहार के बाद सबसे ज्यादा पलायन होता है, और यह राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है। “छोटे-छोटे बच्चों को फैक्ट्रियों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उन्हें स्कूलों में होना चाहिए। यह हमारे सिस्टम की बड़ी विफलता है।”
अंत में उन्होंने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र, स्थायी और समुचित आर्थिक सहायता दी जाए तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोहराई न जाएं।

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