प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर उन्होंने विद्यार्थियों की समस्याएं सुनी और विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं को आश्वाशन दिया कि प्राचार्य द्वारा जो भी लापरवाही बरती जा रही है, उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों की जायज मांगों को जल्द ही पूरा करवाने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद छात्रों का हंगामा समाप्त हुआ। बता दें की छात्र, कॉलेज से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर विरोध जाता रहे थे तो वहीं उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य को भी लापरवाह बताया है।
छात्र संगठन ने गिनाई महाविद्यालय से जुड़ी परेशानियां
इधर हंगामा कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हरसूद के नगर मंत्री पृथ्वीराज राजपूत ने बताया कि, शासकीय महाविद्यालय में कई प्रकार की अनियमिताएं चल रही हैं। जैसे महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए पीने के पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। यहां प्राचार्य द्वारा विद्यार्थियों के पानी पीने के लिए पुराने एवं गंदे मटके रखे गए हैं और उन मटकों में भी काई और कीड़े मकोड़े पानी में तैर रहे हैं।
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जिससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यही नहीं, प्राचार्य की कुर्सी के नीचे संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी एवं राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की तस्वीर को रखा गया है। यह महापुरुषों का अपमान है। इससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं। विगत कुछ दिनों पहले B.A. प्रथम वर्ष के ऑफिशल व्हाट्सएप ग्रुप में एक बाहरी छात्र द्वारा अश्लील वीडियो शेयर की गई थी। उस छात्र पर भी आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
मांगें नहीं मानीं तो होगा उग्र आंदोलन
वहीं हंगामा कर रहे विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक हर्ष वर्मा ने मीडिया से चर्चा में बताया कि छात्रों को इस प्रकार के लापरवाह प्राचार्य की आवश्यकता महाविद्यालय में नहीं है। यहां के प्राचार्य द्वारा लगातार छात्राओं को गलत मेसेज किये जाते हैं। महापुरुषों का अपमान किया जाता है। यही नहीं, यहां विद्यार्थियों की समस्याओं को भी अनसुना किया जाता है। ऐसे कई प्रकार के मामलों को विद्यार्थी परिषद् ने उजागर भी किया है।
जिसके बाद अब विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि यहां के मौजूदा प्राचार्य को जल्द से जल्द हटाया जाए एवं इनकी जगह किसी अनुभवी और छात्र हित में काम करने वाले प्राचार्य की नियुक्ति की जाए। यदि विद्यार्थी परिषद की इन सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया जाता है तो विद्यार्थी परिषद् द्वारा चरणबद्ध एवं उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी भी महाविद्यालय प्रशासन की रहेगी।
