
शुगर फ्री टाका मोटा अनाज
– फोटो : संवाद
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आधुनिकता के दौर में कई पारंपरिक अनाज लुप्त होने के कगार पर हैं। ऐसा ही किन्नौर जिले में टाका मोटा (बिथू) अनाज है। हालांकि, सरकार मोटे अनाज को उगाने और सेवन करने पर जोर दे रही है।
फसलों और सब्जियों में कीटनाशकों और रसायनिक खादों के ज्यादा इस्तेमाल से कई प्रकार की बीमारियां लग रही हैं। वहीं, मोटा अनाज सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। किन्नौर में टाका मोटा अनाज अब लुप्त हो रहा है। इसे बिथू के नाम से भी जाना जाता है।
यह टाका मोटा अनाज गर्भवती महिलाओं के लिए रामबाण होता है और शुगर फ्री होता है। इसका सेवन रोटी बनाकर या चावल के साथ मिलाकर और पकाकर किया जाता है। अब इसे सिर्फ देवी-देवता की पूजा के लिए ही उगाया जाता है। इस मोटे अनाज को किसान अब खाने के उद्देश्य से ज्यादा मात्रा में नहीं उगा रहे हैं। इस मोटे अनाज को उगाने के लिए काफी मेहनत लगती है। इसलिए समय के साथ-साथ इसकी खेती में भी कमी आ रही है। वर्तमान समय में बिथू जिले के सापनी और तरांडा पंचायत के कुछ क्षेत्रों में ही उगाया जा रहा है। संवाद
कार्यशाला के जरिये ग्रामीणों को किया जा रहा प्रशिक्षित
मोटे अनाज के महत्व को लेकर गांव-गांव जाकर कार्यशाला के जरिये ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही विभाग की ओर से किसानों को बीज भी मुहैया करवाए जा रहे हैं। जिले के किसानों से अधिक से अधिक मोटे अनाज की खेती करने का आह्वान किया जा है। – ओम प्रकाश, जिला अधिकारी, कृषि विभाग किन्नौर

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