
सफदरजंग अस्पताल
– फोटो : अमर उजाला
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जिंदगी खोकर भी सुनीता देवी पांच लोगों को नया जीवन दे गईं। बिहार में शेखपुरा के महेशपुर गांव में रहने वाली सुनीता को ऊंचाई से गिरने के बाद गंभीर हालत में 13 मई को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने बताया कि 17 मई को 47 वर्षीय सुनीता देवी ने अंगदान कर पांच मरीजों को नया जीवन दिया। उन्हें शेखपुरा के महेशपुर गांव से अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। अस्पताल में चले इलाज के बाद भी चिकित्सक उन्हें बेहोशी की हालत से बाहर नहीं ला सके। जांच के बाद 17 मई को विशेषज्ञों के पैनल ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
इस दुखद घड़ी में परिवार ने अंगदान कर दूसरों की जिंदगी बचाने का फैसला लिया। सुनीता देवी ने बेटी की सहमति से अंगदान करने का फैसला लिया। अंगदान के बाद महिला से प्राप्त त्वचा, दोनों कॉर्निया और एक किडनी को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। दूसरी किडनी को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में प्रत्यारोपण के लिए आवंटित किया गया। सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में किडनी प्राप्त करने वाले व्यक्ति की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है।

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