The Departing Monsoon Put Farmers In Trouble Soybean Production Was Limited To 1-2 Quintal Bigha – Madhya Pradesh News

अन्नदाताओं को आफत में डाला
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जाते-जाते मानसून ने अन्नदाताओं को इस बार फिर आफत में डाल दिया। विगत कुछ दिनों मे बड़नगर में इतना पानी बरसा दिया की फसलों को नुकसान होने लगा। खेतों में पानी भरा होने से सोयाबीन की फलियां पौधे पर ही सड़ के एवं अंकुरित होने लग गई। पानी व कीचड़ भरे खेतों में किसान मजबूरी में सोयाबीन की कटाई कर रहा है।
ऐसे खेतों में सोयाबीन का उत्पादन 1-2 क्विंटल बीघा ही हो रहा है। कुछ किसानों ने बताया कि पहले एक बीघा में पांच मजदूर लग रहे थे। वहीं खेतों में पानी भरे रहने से वही काम 7- 8 मजदूरों से हो रहा है। न ही सोयाबीन का सही दाम मिल रहा हैं। सरकार सोयाबीन का भाव 6 हजार नहीं कर रही हैं। ना ही पटवारी, कृषि अधिकारी व जनप्रतिनिधि खेत में जाकर फसल देख रहे है, ना ही किसांनो कि समस्या सुन रहे है। यदि सोयाबीन के दाम अभी अक्टूबर नवंबर में 6 हजार मिले तो किसानों को अगली फसल के बीज मटर, प्याज कण, गेहूं खरीदने में सुविधा हो जावेगी। सरकार सिर्फ भाषणों व कागज में ही खेती को लाभ का धंधा बता रही है।
फसल से नाखुश है किसान
कटाई के बाद खेतों में रखी सोयाबीन की फसल पूरी तरह चौपट हो गयी है। खाचरोदा के किसान फतेहलाल ने बताया कि बारिश से फसले खराब हो चुकी है। कई गांव में बीज के अनुसार सोयाबीन की पैदावार भी नहीं हुई। बड़नगर के कई गावों में किसानों को बारिश की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में कटी हुई सोयाबीन की फसल बारिश के कारण नष्ट हो गई।

Comments are closed.