गांव से आई महिला कृष्णा मरावी ने बताया, “अधिकारी एक सप्ताह में समाधान का आश्वासन देकर गए थे। एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन आज तक गांव के लोगों को पानी नहीं मिला है। ग्रामवासी पानी की समस्या से बहुत परेशान हैं। यदि हमारी समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो हम तहसील कार्यालय में धरना-प्रदर्शन करेंगे।”
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नेहा आदिवासी ने बताया, “जिस कुएं से पूरा गांव पानी लाता था, अब उसका पानी भी खत्म हो गया है। गांव में दूसरा कोई जल स्रोत नहीं है, जिससे पानी की पूर्ति हो सके। एसडीएम एक सप्ताह में पानी पहुंचाने की बात कहकर गए थे। हमने उसके लिए नाली भी खोद ली थी, लेकिन आज तक पानी नहीं पहुंचा है। हम लोग बहुत परेशान हैं।”
मोहन आदिवासी ने कहा, “पहले टैंकर की व्यवस्था थी, जिससे गांव के लोगों को पानी मिल जाता था, लेकिन अब वह व्यवस्था भी बंद हो गई है। पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है, जबकि नन्हीं देवरी गांव में करीब 100 परिवार और मवेशी निवास करते हैं। हम सभी पानी की मांग को लेकर तहसील कार्यालय आए हैं।” अशोक आदिवासी ने बताया, “ग्राम पंचायत ने पाइपलाइन तो बिछा दी है, लेकिन आज तक उससे पानी नहीं पहुंचा है।”
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तेंदूखेड़ा तहसीलदार विवेक व्यास का कहना है कि उन्हें आज ही पता चला है कि नन्हीं देवरी गांव में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि वे तत्काल जल निगम और जनपद सीईओ से बात कर समस्या का समाधान करेंगे। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी का कहना है कि पंचायत द्वारा पाइपलाइन बिछा दी गई है। जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर से वाल्व मंगवाए गए हैं, जो बुधवार को लग जाएंगे। इसके बाद पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

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