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ऊना जिले के किसानों को गेहूं का बीज उपलब्ध करवाने से पहले कृषि विभाग जांच करेगा। किसानों को गेहूं का बीज सत्यापन होने के बाद ही उपलब्ध करवाया जाएगा।
गेहूं(सांकेतिक) – फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के किसानों को गेहूं का बीज उपलब्ध करवाने से पहले कृषि विभाग जांच करेगा। किसानों को गेहूं का बीज सत्यापन होने के बाद ही उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग ने पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की फर्म से समन्वय स्थापित किया है और जल्द ही गेहूं के बीज के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। मानकों पर फर्म के बीज खरा उतरने के बाद ही आगे किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉक्टर कुलभूषण धीमान ने कहा कि वर्तमान में जिला में 5000 क्विंटल बीज उपलब्ध है और यह बीज किसानों से ही लेकर इसका संग्रहण किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला ऊना में सदर ऊना, बंगाणा, गगरेट, हरोली सहित पांच उपमंडलों में 40 के तकरीबन कृषि विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं।
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इनके माध्यम से किसानों को गेहूं का बीज उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि जिले में 15000 क्विंटल के करीब गेहूं के बीज की खरीद हर साल की जाती है और इस बार भी इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग ने गेहूं के बीज की खरीद के लिए बाहरी राज्यों की फर्म के साथ समन्वय स्थापित किया है। किसानों को नवंबर के पहले हफ्ते तक तमाम तरह की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद गेहूं का बीज उपलब्ध करवाने की प्राथमिकता रहेगी। जिला में वर्तमान में साढ़े 35000 हेक्टेयर के तकरीबन भूमि है। इसमें 20,000 हेक्टेयर के करीब गैरसिंचित क्षेत्र और साढ़े 14000 हेक्टेयर के करीब सिंचित क्षेत्र शामिल है। इस प्रकार साढ़े 35000 हेक्टेयर के करीब भूमि में गेहूं की फसल की पैदावार होती है और प्रतिवर्ष किसानों को 80,000 मीट्रिक टन के करीब गेहूं की पैदावार होती है।
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