This decision of India-Bangladesh gave a big blow to China Dragon will suffer big loss/भारत-बांग्लादेश के इस फैसले ने दिया चीन को बड़ा झटका, ड्रैगन को होगा बड़ा नुकसान

पीएम मोदी के साथ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल)
भारत और बांग्लादेश के एक संयुक्त फैसले ने चीन को करारा झटका दिया है। दरअसल दोनों देशों ने व्यापार को बढ़ावा देने और इसे आसान बनाने के लिए रुपये में लेन-देन का फैसला लिया है। इससे चीन की बाजार को बांग्लादेश में भारी नुकसान होने का अनुमान है। बांग्लादेश, पाकिस्तान,नेपाल, इंडोनेशिया, भूटान, वर्मा, श्रीलंका, मिस्र जैसे तमाम देशों में चीन अभी व्यापार का किंग है। मगर धीरे-धीरे भारत उसके बाजार पर कब्जा करता जा रहा है।भारत और बांग्लादेश के बीच भारतीय रुपया में कोराबारी लेनदेन को बढ़ावा देने से लागत कम होगी और इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
निर्यात-आयात बैंक (ईएक्सआईम) पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय समिति के सदस्य संजय बुधिया ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत सभी निर्यात व आयात और कारोबारी लेनदेन को भारतीय रुपये किया जा सकता है। इससे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम होगी और क्षेत्रीय मुद्रा तथा व्यापार को मजबूत करने के अलावा विदेशी मुद्रा भंडार की कमी जैसी स्थितियों का समाधान होगा। बांग्लादेश और भारत ने जुलाई में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने तथा क्षेत्रीय मुद्रा व व्यापार को मजबूत करने के मकसद से रुपये में व्यापार संबंधी लेनदेन शुरू किया था। यह पहला मौका है जब बांग्लादेश अमेरिकी डॉलर के अलावा किसी विदेशी मुद्रा में द्विपक्षीय व्यापार कर रहा है।
व्यापार वृद्धि को मिलेगा बढ़ावा
बुधिया ने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से राष्ट्रों के बीच व्यापार की वृद्धि को बढ़ावा देगा। यह वैश्विक व्यापारिक समुदाय के बीच भारतीय मुद्रा की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा।’’ उन्होंने कहा कि इस समझौते से देशों के बीच व्यापार के दौरान लेन-देन की लागत कम होगी जिससे बांग्लादेश में भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। बुधिया ने कहा कि बांग्लादेश वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का सामना कर रहा है और भारतीय मुद्रा (आईएनआर) में व्यापारिक लेनदेन के प्रावधान से इस स्थिति से निपटने में उसे काफी मदद मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप भारत से आयात की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ सीमा पार लेनदेन के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच पहले से ही महत्वपूर्ण आर्थिक संबंधों को और बढ़ाने में मदद मिलेगी। (भाषा)
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