This Indian Origin girl traveled to 50 countries At the age of 10 and never missed her class/10 साल की उम्र में इस बच्ची ने कर डाला 50 देशों का सफर, कभी क्लास भी नहीं किया मिस

अदिति त्रिपाठी
भारतीय मूल की एक बच्ची ने महज 10 वर्ष की उम्र में 50 देशों की यात्रा करने का गौरव हासिल किया है। खास बात ये है कि इस दौरान उसने अपना कोई क्लास भी मिस नहीं किया और रोज स्कूल भी जाती रही। मगर छुट्टियों में वह विदेश यात्रा पर माता-पिता के साथ निकल जाती थी, क्योंकि उसे यात्रा करना बहुत पसंद है।
हममें से कई लोगों के लिए दुनिया की यात्रा करने की बात सोचना और उसे हकीकत में बदलना एक सपना है। क्योंकि यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है। मगर भारतीय मूल की अदिति त्रिपाठी ने 10 साल की उम्र से पहले 50 देशों का दौरा पूरा कर लिया है।
उनके पिता दीपक और मां अविलाशा त्रिपाठी बेटी अदिति के साथ लंदन में रहती हैं। अदिति ने माता-पिता के साथ नॉर्वे, नीदरलैंड और मोनाको सहित अधिकांश यूरोप का दौरा पूरा कर लिया है। वह नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे पूर्वी देशों में भी जा चुकी हैं। इस दौरान उसने अपने स्कूल का कोई भी दिन गवांया नहीं है। इसके बावजूद वह ऐसा करने में कैसे कामयाब रही?
एक वर्ष की यात्रा पर खर्च होते हैं 21 लाख
अदिति के माता-पिता, दीपक और अविलाशा दोनों पेशे से अकाउंटेंट हैं और अपने बच्चे को एक अद्भुत अनुभव देना चाहते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि वे स्कूल की छुट्टियों और राष्ट्रीय छुट्टियों के दौरान यात्रा करें। सावधानीपूर्वक योजना और भारी खर्च के साथ दोनों यह सुनिश्चित करने में कामयाब रहे कि उनकी बेटी 10 साल की होने से पहले ही 50 देशों का दौरा कर चुकी है। मेट्रो की एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों हर साल यात्रा पर लगभग 20,000 पाउंड (21 लाख रुपये) खर्च करते हैं। वे कहते हैं कि यह हर पैसे के लायक है और उन्होंने आने-जाने, बाहर खाने या यहां तक कि कार रखने के अपने खर्च में कटौती की है।
विभिन्न देशों की संस्कृतियों से परिचित हो रही बेटी
माता-पिता का मानना है कि यात्रा करने से उनकी बेटी को मदद मिल रही है, क्योंकि वह विभिन्न संस्कृतियों को देखने के लिए उत्सुक और उत्साहित हो जाती है। जब वह तीन वर्ष की उम्र में नर्सरी स्कूल में थी, तब उन्होंने उसके साथ यात्रा करना शुरू कर दिया। अब वे अपनी यात्राओं की योजना इस तरह बनाते हैं कि वे अपनी बेटी को सीधे शुक्रवार को स्कूल से लेते हैं और रविवार रात या सोमवार सुबह घर वापस आते हैं और वह हवाई अड्डे से सीधे स्कूल जाती है। पिता दीपक ने यूके में एक समाचार आउटलेट को बताया कि यात्रा ने उसे अधिक दोस्त बनाने में भी मदद की है और उसे अधिक आत्मविश्वासी बनाया है।
अदिति को यात्रा है बेहद पसंद
10 वर्षीय अदिति ने बताया कि उसे यात्रा करना पसंद है और उसने अपनी यात्राओं के दौरान ढेर सारी मजेदार यादें बनाई हैं। लगभग एक महीने पहले, दीपक त्रिपाठी ने दुनिया को अपने मील के पत्थर के बारे में बताने के लिए फेसबुक का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, “हमने अपनी बेटी के लिए 10 साल की होने से पहले 50 देशों की यात्रा करने का लक्ष्य रखा था। मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है कि वह अपने 10वें जन्मदिन से दो हफ्ते पहले ही इस मुकाम पर पहुंच गई।”
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