Tiger Attack: No More Tiger Sightings In Ranthambore For Now, Major Decision By Rtr After Child’s Death – Amar Ujala Hindi News Live राजस्थान By On Apr 18, 2025 यह भी पढ़ें कहा- बीजेपी-सरकार के खिलाफ आक्रोश होने पर ही उदयपुर जैसी… Jul 9, 2022 Punjab Bandh Today: Farmers Will Give Way Only To Emergency… Dec 30, 2024 बाघों की आबादी के लिहाज से राजस्थान की सबसे बड़ी टाइगर सेंचुरी में अब पर्यटकों और बाघों का आमना-सामना नहीं होगा। यदि रणथंभौर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) अथॉरिटी का प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाता है तो रणथंभौर के बाघों की शिफ्टिंग टाइगर रिजर्व के ऐसे एरिया में की जाएगी, जहां टाइगर सफारी के लिए वाहन नहीं ले जाए जाते। यानी रणथंभौर में अब टाइगर सफारी में टाइगर नहीं दिखेगा। Trending Videos यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं गौरतलब है कि बुधवार को रणथंभौर में युवा बाघ के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद आरटीआर अथॉरिटी ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें इस टाइगर सेंचुरी के बाघों को उन जगहों पर शिफ्ट करने की बात कही गई है, जहां टाइगर सफारी नहीं करवाई जाती ताकि मानव और बाघ का आमना-सामना कम से कम हो। ये भी पढ़ें: Gangapur City: विधायक इंदिरा मीणा के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी वन विभाग के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि प्रस्ताव यह है कि रणथंभौर में टाइगर की शिफ्टिंग नॉन टूरिस्म एरिया में की जाए। उन्होंने बताया कि अथॉरिटी ने यह प्रस्ताव तैयार कर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को भेज दिया है। अब अंतिम निर्णय उन्हीं को करना है क्योंकि हम इस तरह की घटना दोहराना नहीं चाहते। कुल 77 बाघ हैं रणथंभौर में हाल में टाइगर सेंचुरी में हुई पांचवें चरण की मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार रणथंभौर में इस समय कुल 77 बाघ हैं। इनमें से 29 नर, 32 मादा और 16 शावक हैं। हाल में बाघ के हमले को लेकर हुई घटना पर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां के प्रसिद्ध गणेश मंदिर में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। पिछले बुधवार को यहां बाघ बैठा था और शायद बच्चा उसके पास से दौड़ता हुआ निकला, जिसने बाघ को उकसाने का काम किया। ये भी पढ़ें: Rajasthan Weather Update: पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बदलेगा मौसम, भीषण गर्मी और लू से राहत की उम्मीद वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गणेश मंदिर और फॉरेस्ट गेट के बीच 14 बाघों का मूवमेंट है। इनमें सुल्ताना और ओवरहेड के 9 बच्चे हैं, जो अब बड़े हो रहे हैं और मां से अलग होने की उम्र में पहुंच रहे हैं। इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं का गणेश मंदिर में आना-जाना 5 दिनों के लिए बंद कर दिया है। पूर्व आईएफएस सुनयन शर्मा का कहना है कि गर्मी के मौसम में तापमान ज्यादा रहने की वजह से बाघ ज्यादा गुस्सैल हो जाते हैं। वहीं यहां मंदिर में आने वाले लोगों की भीड़ से वे और ज्यादा चिढ़चिढ़े हो जाते हैं और इस तरह के हमले का कारण बनते हैं। Source link Like0 Dislike0 25956600cookie-checkTiger Attack: No More Tiger Sightings In Ranthambore For Now, Major Decision By Rtr After Child’s Death – Amar Ujala Hindi News Liveyes
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