tomorrow is the fifth mangala gauri fast of sawanon this day mother parvati met lord shiva in the form of her husband
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Mangla Gauri Vrat: साल 2023 का सावन कई मायनों में बेहद खास है। पूरे 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है कि सावन 59 दिनों का हो रहा है। इसका कारण सावन में अधिक मास का पड़ना है। अधिक मास या मलमास के कारण इस बार सावन में कुल 8 सोमवार व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत रखे जा रहे हैं। कल यानी 1 अगस्त को सावन का पांचवा और मलमास का तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाएं ही रखती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं। पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने इस व्रत को रखकर ही शिव जी को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। इसके अलावा मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रती स्नान–ध्यान कर लें। इसके बाद पास के किसी शिव मंदिर में जाकर पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और बाद में व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और पूरे विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। माता पार्वती की पूजा में आप अक्षत–कुमकुम, फल, फूल और सोलह श्रृंगार का सारा समान अर्पित करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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