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Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। साल 2023 का सावन कई मायनों में बहुत खास है। इस बार अधिक मास पड़ने के कारण सावन कुल 59 दिनों का हो रहा है। इसलिए इस दौरान कुल 8 सोमवार व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे। कल यानी 18 जुलाई को सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि देवी पार्वती ने इस व्रत को रखकर ही शिव जी को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। इसके अलावा या व्रत वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। साथ ही इससे संतान प्राप्ति में बाधा को दूर किया जाता है।
ऐसे करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती सुबह सूर्योदय से पहले स्नान–ध्यान कर लें। इसके बाद आप पास से किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और पूरे विधि विधान के साथ मां पार्वती और शिव की पूजा करें। आप माता पार्वती की पूजा में अक्षत–कुमकुम, फल–फूल और सोलह श्रृंगार का सारा सामान अर्पित करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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