
पकड़े गए दोनों आरोपी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दरअसल तीनों में से एक का दूसरे दोस्त की बहन से कुछ चक्कर चलने लगा और उसने उसे बहन के साथ देख लिया था। इस बीच चोरी की एक घटना में एक दोस्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया और गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के समक्ष दोनों का नाम ले लिया था और यही दोनों वाकया मर्डर का कारण बन गया।
मामला औरंगाबाद के दाउदनगर थाना क्षेत्र के चौरी गांव का है। इसी गांव के विकास कुमार (20) की हत्या की वारदात का पुलिस ने उद्वेदन करते हुए हत्याकांड में शामिल दो दोस्तों को पुलिस ने ऐन दीवाली के दिन गुरूवार को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया है।
दाउदननगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) कुमार ऋषिराज ने दाउदनगर थाना में प्रेसवार्ता में बताया कि विकास हत्याकांड के उद्भेदन के लिए पुलिस ने तीन टीमें गठित की थी। दाउदनगर थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक फहीम आजाद खान द्वारा मामले का गहन अनुसंधान किया जा रहा था।
मामले की छानबीन में जिला आसूचना इकाई के पुलिस अवर निरीक्षक राम इकबाल यादव के नेतृत्व में एक टीम अलग से सहयोग कर रही थी। मामले में मृतक के पिता चौरी निवासी दुर्गा चौधरी के फर्दबयान पर दाउदनगर थाना क्षेत्र के चौरी निवासी स्व. सुदेव यादव के पुत्र प्रिंस कुमार के विरुद्ध गोली मारकर हत्या कर शव को लोरहिया बघार में पीपल के पेड़ के नीचे अहरा में फेंक देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसी मामले में प्राथमिकी अभियुक्त प्रिंस कुमार को उसके दालान से गिरफ्तार किया गया। दालान की तलाशी लिए जाने पर एक कमरें में रखे भूसे के नीचे केसरिया रंग के गमछा में बांधकर रखा एक देसी कट्टा और एक पीतल का जिंदा कारतूस बरामद किया गया। साथ ही उसकी निशानदेही पर मामले के अप्राथमिकी अभियुक्त चौरी निवासी गुलेंदर चौधरी के पुत्र रंजन कुमार को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों अभियुक्तों ने पुलिस के समक्ष हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। एसडीपीओ ने बताया कि विकास और अभियुक्त प्रिंस कुमार मिलकर चोरी करते थे। कुछ दिन पहले चोरी के एक मामले में विकास जेल भी गया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस के समक्ष स्वीकरोक्ति बयान में उसने प्रिंस का भी नाम लिया था। इस बात को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव भी चल रहा था।
गिरफ्तार अभियुक्त रंजन विकास का चचेरा भाई है, जिसे विकास ने कभी अपनी बहन के साथ देख लिया था। इसे लेकर भी रंजन और विकास में तनाव बना रहता था। दो दिन पहले घटना के दिन प्रिंस और रंजन ने यह प्लान बनाया कि विकास को कहीं खेत में ले जाकर उसकी हत्या कर देनी है।
तीनों एक साथ पहुंचे, जहां विकास की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस हथियार से हत्या की गई, उसे भी प्रिंस की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है। पुलिस की छापेमारी टीम में दाउदनगर थानाध्यक्ष फहीम आजाद खान, सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार, पीएसआई अभिषेक कुमार, आदित्य कुमार तथा जिला सूचना इकाई की टीम शामिल रही।

Comments are closed.