Udaipur Echoes With Chants Of ‘jiyo Aur Jeene Do’ On Mahavir Jayanti – A Unique Blend Of Devotion And Culture – Rajasthan News
गुरुवार को भगवान महावीर की जयंती पर भगवान महावीर स्वामी की जय और जियो और जीने दो जैसे उद्घोषों के साथ निकली शोभायात्रा से पूरा शहर महावीरमय हो गया। सफेद परिधान में पुरुष और पारंपरिक चुंदड़ ओढ़े महिलाएं श्रद्धा के साथ नगर भ्रमण पर निकलीं। जगह-जगह स्वागत और भक्तिरस से सराबोर गीतों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
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सुबह 8:30 बजे उदयपुर नगर निगम परिसर टाउन हॉल से रवाना हुई भगवान महावीर स्वामी के 2624वें जन्म कल्याणक महोत्सव की भव्य शोभायात्रा सूरजपोल, बापू बाजार, देहली गेट, भोपालवाड़ी, बड़ा बाजार, घंटाघर, हाथीपोल, अश्विनी बाजार होते हुए पुनः नगर निगम परिसर में संपन्न हुई।
यात्रा में हाथी, 11 घोड़े, 11 बैंड, 1008 दुपहिया वाहन, 41 स्केटिंग करते बच्चे, 21 झांकियां और भव्य सप्त किरण रथ शामिल रहे, जो जनमानस का विशेष आकर्षण बने। मार्ग में 31 से अधिक स्थानों पर प्रभावना काउंटर और स्वागत द्वार सजाए गए थे, जहाँ श्रद्धालुओं का उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया।
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शोभायात्रा में शामिल विभिन्न सामाजिक संगठनों, विद्यालयों और जैन समाज के सहयोग से बनाई गई झांकियों ने भी विशेष ध्यान खींचा। इनमें पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत अभियान, भगवान महावीर के सिद्धांत, नशामुक्ति, शाकाहार, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन जैसे संदेशों को खूबसूरती से दर्शाया गया।
बापू बाजार में शोभायात्रा का स्वागत करते हुए पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा- भगवान महावीर का ‘अनेकांतवाद’ हमें सिखाता है कि हर दृष्टिकोण को समझना चाहिए। जब हम बिना सुने निर्णय लेते हैं, तभी टकराव होता है। सहिष्णुता और समन्वय ही शांति की राह हैं। उन्होंने जैन समाज के ‘अपरिग्रह’ के सिद्धांत को भी जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।

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