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हादसे के बाद न तो कोई रेस्क्यू बोट आई और न ही कोई सुरक्षा कर्मी मौके पर मौजूद था। उन्होंने किसी तरह खुद तैरकर या एक-दूसरे की मदद से झील से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। बोट संचालकों की इस लापरवाही ने उनकी जान खतरे में डाल दी। कई पर्यटकों ने आरोप लगाया कि जब मौसम खराब होने लगा, तब भी बोट स्टाफ ने बोटिंग रोकी नहीं, बल्कि जल्दबाज़ी में ज्यादा सवारी भरकर नाव को रवाना कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही उदयपुर शहर विधायक मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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