गोठड़ा माताजी के पंडा नागूलाल चौधरी ने प्रतिवर्ष की तरह 16 मिनट तक भविष्यवाणी की। इस दौरान हजारों की भीड़ के बीच भी पूर्ण शांति रही। सभी श्रद्धालु एकाग्र होकर माताजी की वाणी सुनते रहे। भविष्यवाणी सुनने के लिए न केवल मध्यप्रदेश बल्कि अन्य राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु मलेनी नदी के तट पर जुटे। चिलचिलाती धूप के बावजूद लोग घंटों तक डटे रहे। कुछ लोग पेड़ों पर चढ़कर भी भविष्यवाणी सुनते दिखे, जिन्हें मंच से बार-बार उतरने का आग्रह किया गया।
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भविष्यवाणी के दौरान यह कहा
- गर्मी भीषण रहेगी, जिससे वाहन भी जल सकते हैं।
- राजनीति में उथल-पुथल होगी, मगर राजा नहीं बदलेगा।
- दंगे व दुर्घटनाएं बढ़ेंगी।
- वैशाख में बारिश के साथ तेज हवाएं चलेंगी, जबकि आषाढ़ में आंधी-तूफान से जन-धन की हानि होगी।
- बारिश जल्दी आएगी, लेकिन प्रारंभिक बोवनी से बचने की सलाह दी गई।
- खंड वर्षा के कारण दो बार बोवनी करनी पड़ सकती है।
- सावन की नवमी के बाद अच्छी वर्षा होगी।
- कुवांर और भादों में पानी और तेज हवाओं का दौर चलेगा।
- मार्गशीर्ष और पौष माह में भूकंप के झटके आने की संभावना।
कृषि से संबंधित भविष्यवाणियां
- लहसुन, प्याज, मटर, चना, टमाटर, मिर्ची आदि फसलों के भाव अच्छे रहेंगे।
- लाल व काले रंग की फसलें लाभदायक होंगी।
- सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप रहेगा, पर भाव ठीक-ठाक रहेंगे।
- सोने में तेजी, जबकि चांदी सामान्य रहेगी।
- फसल उत्पादन अच्छा रहेगा, लेकिन सुखा भी कुछ क्षेत्रों में देखने को मिलेगा।
खेती-बाड़ी के लिए मुहूर्त और सावधानियां
- पहली बोवनी – आषाढ़ की एकम से अष्टमी तक।
- दूसरी बोवनी – उतरते आषाढ़ से बैठता सावन के पहले 9 दिन।
- जुताई का मुहूर्त – तेरस, गुरुवार, दोपहर 3 से 6 बजे के बीच।
- ट्रैक्टर से जुताई से बचें, हाथ से शुभ मुहूर्त करें।
- जमीन माता की पूजा करें, तिलक लगाकर खेत में प्रवेश करें।
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गौ और बेटी की रक्षा का भी दिया संदेश
माताजी ने अपनी भविष्यवाणी में समाज से गौ माता की रक्षा और बेटी बचाने की अपील करते हुए कहा कि यह युग धर्म का है, ऐसे में संवेदनशील जिम्मेदारियां निभाना आवश्यक है।
राजनीतिक प्रतिनिधित्व रहा सीमित
हर वर्ष बड़ी संख्या में राजनेता इस भविष्यवाणी आयोजन में भाग लेते हैं, लेकिन इस बार केवल क्षेत्रीय विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान ही उपस्थित रहे। पूर्व विधायकों की अनुपस्थिति साफ़ नज़र आई। चुनाव न होने की स्थिति में नेताओं की रुचि कम देखी गई।
भविष्यवाणी की अवधि रही कम, लोगों में निराशा
जहां पूर्व वर्षों में माता जी की भविष्यवाणी लगभग आधा घंटा चलती थी। वहीं इस बार केवल 16 मिनट में ही समाप्त हो गई, जिससे श्रद्धालुओं में थोड़ी निराशा भी देखी गई। मंदिर में पं. कपिल पौराणिक के आचार्यत्व में चल रहे पंचकुंडीय सप्त दिवसीय यज्ञ की पूर्णाहुति सोमवार को सम्पन्न हुई। इसके पश्चात वाड़ी का चल समारोह मंदिर से नदी तट तक निकाला गया।

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