Ujjain Priest Furious Over Exact Mask Of Mahakal Said Action Should Be Taken Against Those Doing Business God – Madhya Pradesh News – Ujjain:महाकाल के हूबहू मुखौटे पर पुजारी आगबबूला, बोले
सोशल मीडिया पर इन दोनों कुछ वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाले मुखौटे को अपने हाथों में लेकर कभी कारों के काफिले के साथ तो कभी प्लेन में उन्हें बैठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा रहा है। दिखने में तो यह मुखौटा हूबहू बाबा महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप के जैसा ही है। लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है।
मुखौटे की रील के वायरल होने पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। बाबा महाकाल के सभी मुखौटे का भी पेटेंट करवाने को कहा है, जो की सवारी के दौरान निकाले जाते हैं।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि कार्तिक चौक क्षेत्र में रहने वाले मूर्तिकार सतीश सक्सेना के द्वारा बाबा महाकाल की सवारी में निकाले जाने वाले सभी विग्रहों की हुबहू मूर्तियां तैयार कर ली गई है। इन मूर्तियों को वह सदैव अपने साथ रखते हैं और भगवान चंद्रमौलेश्वर की तरह दिखने वाली प्रतिमा को कभी कार तो कभी एरोप्लेन से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैंं, जिसकी वीडियो वायरल होने पर ही अब हंगामा मचा हुआ है।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि प्रत्येक मंदिर से जुड़ी उनकी परंपराएं होती है। महाकालेश्वर मंदिर मे सभी विग्रहों का उपयोग बाबा महाकाल की सवारी के दौरान किया जाता है, इन विग्रहों को इसके अलावा अन्य किसी स्थान पर स्वयं श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति भी नहीं ले जाती है। लेकिन इन जैसे विग्रहों की हुबहू प्रतिमा बनाकर उन्हें बाबा महाकाल का नाम देकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना बाबा महाकाल के भक्तों के साथ ठगी है। बाबा महाकाल के भोले भाले भक्त इन विग्रहों को असली विग्रह समझकर अपने निवास पर बुलाते हैं और विग्रहों को लाने ले जाने के साथ ही इनका पूजन करते हैं, भोग लगाते हैं, दान देते हैं। परंतु इन प्रतिमाओं का पूजन करवाना और इसके नाम पर किसी भी स्वरूप में रुपये व दान दक्षिणा लेने वालों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
कभी कार तो कभी प्लेन में दिखा यह विग्रह
देखने में तो यह प्रतिमा हूबहू भगवान महाकाल के चंद्रमोलेश्वर स्वरूप की दिखाई देती है, जिसे वायरल हो रहे वीडियो में सतीश सक्सेना के हाथों में होने के साथ ही कारों के काफिले और प्लेन में बैठे हुए देखा जा सकता है। बताया जाता है कि सतीश सक्सेना इस प्रतिमा को छत्तीसगढ़ के धमतरी में श्री मार्कंडेय भगवान और वृंदावन गिरिराज जी की हवाई यात्रा करवा चुके हैं। वहीं, कई राज्यों में कारों के काफिले के साथ भी यह प्रतिमा देखी जा चुकी है।
पेंटिंग बनाते थे कोरोना काल में, बना दी मूर्तियां
बताया जाता है कि सतीश सक्सेना काफी अच्छे चित्रकार हैं, जो की काफी अच्छी पेंटिंग बनाते हैं। कोरोना काल के दौरान उन्होंने घर पर ही बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाली भगवान उमा महेश, होलकर, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर के साथ ही अन्य विग्रहों का निर्माण किया और फिर इन प्रतिमाओं का घर पर ही पूजन अर्चन करने लगे।
मंदिर में लाने वाले ऐसे विग्रहों को अपने पास रख ले मंदिर समिति
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा बताते हैं कि ऐसे लोग जो कि बाबा महाकाल के विग्रह की हुबहू प्रतिमा बनाते हैं, वे इन विग्रहों को कभी रामघाट स्नान करवाने तो कभी महाकाल भगवान के दर्शन करने भी ले जाते हैं। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति को चाहिए कि वह मंदिर में आने वाले ऐसे विग्रह को मंदिर में ही जमा करवा ले। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करे। क्योंकि ऐसे लोग फोटो वीडियो और रील बनाकर भक्तों को यही बताने की कोशिश करते हैं कि यह प्रतिमाएं महाकालेश्वर मंदिर की ही हैं।
पूरा मामला मेरे संज्ञान में है। बाबा महाकाल के हूबहू विग्रहों को बनाना और फिर इन्हें बाबा महाकाल का नाम देकर इनका पूजन करवाना गलत है। इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी। बाबा महाकाल के स्वरूपों के पेटेंट को लेकर भी मांग उठ रही है, जल्द ही उस पर भी निर्णय लिया जाएगा।
गणेश धाकड़, प्रशासक महाकाल मंदिर

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